जीएसटी : कर चोरी के मामले में बड़े को पीछे छोड़ा छोटे भाई ने
नेशल अलर्ट/www.nationalert.in
रायपुर। सेवा एवं वस्तु कर (जीएसटी) से जुड़े चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। सत्यापन के दौरान बड़े भाई को छोटे भाई ने पीछे छोड़ दिया है। इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि मध्यप्रदेश की तुलना में कर चोरी के मामले छत्तीसगढ़ में ज्यादा पकड़ में आए हैं।
इन दिनों सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) जीएसटी सर्वे अभियान चला रहा है। यह अभियान विगत 16 मई को प्रारंभ हुआ था। इसका समापन 15 अगस्त को होगा। सेंट्रल जीएसटी के भोपाल जोन के अधीन सरकारी, गैर सरकारी कंपनियों को दायरे में लिया गया है।
मप्र से ज्यादा कर चोरी छग में
अधिकारिक जानकारी बताती है कि छत्तीसगढ़ में मध्यप्रदेश की अपेक्षा जीएसटी चोरी की दर कहीं ज्यादा है। उक्त अवधि में छत्तीसगढ़ में 350 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन, फर्म्स, डीलर्स के पंजीयन का सत्यापन किया गया।
सत्यापन के दौरान अकेले छत्तीसगढ़ में ही 190 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ में आई। विभागीय जानकारी बताती है कि यह चोरी मध्यप्रदेश की तुलना में कहीं ज्यादा है।
उल्लेखित अवधि में मध्यप्रदेश में 1000 से ज्यादा फर्म के पंजीयन सत्यापन की प्रक्रिया से गुजरे। सत्यापन के दौरान मध्यप्रदेश में 125 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ में आई थी। 1000 में से 40 फीसदी यानि कि 400 फर्म्स सिर्फ कागजों में पाई गई।
कर चोरी के मामले में मध्यप्रदेश की व्यवसायिक राजधानी इंदौर कहीं आगे है। वहां पर 165 फर्म्स की जांच के दौरान 111 करोड़ रूपए की जीएसटी चोरी पकड़ में आई है। मध्यप्रदेश के कुल जमा 125 करोड़ में से 90 फीसदी जीएसटी चोरी का आंकड़ा इंदौर से जुड़ा हुआ है।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 520 फर्म्स का सत्यापन किया गया। भोपाल में महज 5 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ में आई। 90 फर्म्स का रजिस्ट्रेशन या तो कैंसिल किया गया है या सस्पेंड कर दिया गया है।
22 अस्तित्वहीन फर्मों का संचालक गिरफ्तार
इधर सीजीएसटी रायपुर के बिलासपुर डिवीजन से 22 अस्तित्वहीन फर्मों के संचालक को गिरफ्तार किया गया है। मेसर्स ज्योति ट्रेडिंग कंपनी, मेसर्स क्लिफो ट्रेडिंग कंपनी, मेसर्स एसएस एंटरप्राइजेज और मेसर्स साई इंडस्ट्रीज से यह मामला जुड़ा हुआ है।
नई दिल्ली स्थित 22 अस्तित्वहीन तथा अकार्यशील फ़र्मों ने बिना किसी अंतर्निहित सामान और सेवाओं की आपूर्ति के नकली बिल तैयार किए हैं और को जारी किए। इन फर्मों को नियंत्रित कर रहे संजय शेंडे ने इन चारों अस्तित्वहीन फर्मों के माध्यम से 10.14 करोड़ रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त किया।
सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 69(1) के प्रावधानों के तहत केंद्रीय जीएसटी टीम ने संजय को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया. सीजेएम कोर्ट ने आरोपी की 14 दिनों की हिरासत मंजूर कर ली है।