क्या पीएम की मँशा से बैंकों को कोई सरोकार नहीं ?
नेशन अलर्ट/97706 56789
राजनांदगाँव.
देश के यशस्वी प्रधानमंत्री की नेक नीयत से, मँशा से लगता है शासकीय व निजी बैंकों को कोई सरोकार नहीं रहा है. तभी तो, पिछले वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हुई चूक का इस साल 26 जनवरी को मनाए गए गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर भी कोई हल नहीं निकला, कोई सुधार नहीं हुआ.
दरअसल, हमारे प्रधानमंत्री देश में राष्ट्रीयता की भावना को ओतप्रोत करने की महती कोशिश में लगे हुए हैं. इसके लिए काफी समय से वह घर-घर तिरँगा, हर घर तिरँगा अभियान में जुटे हुए हैं. इसके बावजूद शासकीय ढर्रा सुधर नहीं पाया है.

बैंकों में फिर नहीं लहराया ध्वज . . ?
सँस्कारधानी के अधिकाँश बैंकों में एक बार फिर राष्ट्रीय पर्व पर उदासीनता देखने को मिली. गत वर्ष भी यही हाल था. तब स्वतंत्रता दिवस पर कई बैंकों में ताले लटकते मिले थे.
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कहीं पर कोई कार्यक्रम नहीं हुआ था. इसकी शिकायत राष्ट्रीय स्तर तक करने की जानकारी मिली थी. इस बार भी लेकिन सुधार होता नजर नहीं आया. अधिकाँश बैंक स्वतंत्रता दिवस की तर्ज पर ही गणतंत्र दिवस पर उपस्थिति के मामले में गुम रहे, खोए रहे.
अधिकाँश बैंकों में जिनमें शासकीय अथवा गैर शासकीय बैंक शामिल हैं, में राष्ट्रीय ध्वज लहराता नज़र नहीं आया. ऐसी ही स्थिति लगे हुए जिले खैरागढ़ – छुईखदान – गँड़ई के जिला मुख्यालय में देखने को मिली. वहाँ पर भी बैंकों का आँगन सूना पडा़ था.

इस सँबँध में “नेशन अलर्ट” ने खैरागढ़ – छुईखदान – गंडई कलेक्टर से बात करने की कोशिश की थी लेकिन किसी कारणवश वह मोबाइल पर की गई काल रिसीव नहीं कर पाए. इस कारण प्रशासनिक पक्ष पता नहीं चल पाया है.

