गौतम अडानी : फरवरी से शुरू हो सकता है बुरा वक्त
मृत्युंजय
नेशन अलर्ट/9770656789
रायपुर. देश विदेश में चर्चा का विषय बने गौतम अडानी भले ही अभी मुश्किलों में नज़र आ रहे हैं लेकिन यह बुरा वक्त नहीं है. असल बुरे वक्त की शुरूआत अगले वर्ष फरवरी से प्रारंभ होगी. ऐसा दावा ज्योतिष के जानकार करते हैं. “नेशन अलर्ट” ऐसे किसी दावे से इत्तेफाक नहीं रखता है.
दरअसल, अमेरिका में हुई एक कार्रवाई से उद्योगपति अडानी इन दिनों सुर्खियों में हैं. अडानी का बहुत सा कारोबार छत्तीसगढ़ में भी फैला हुआ है. खासकर के उस कोल सेक्टर में उनके नाम की तूती बोलती है जो छत्तीसगढ़ के अर्थ व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है.
क्या कहती है पत्री . . ?
उपलब्ध जानकारी पर यदि भरोसा किया जाए तो अडानी का जन्म अहमदाबाद में हुआ था. उनके जन्म की तारीख 24 जून 1962 व समय सुबह 5 बजकर 15 मिनट बताया जाता है.
यह यदि सही है तो पर गौतम अडानी का जन्म लग्न वृषभ है. चंद्र राशि कुंभ है. जन्म कुंडली में भाग्य स्थान में बैठे दशमेश यानी कर्म स्थान के स्वामी तथा नवमेश भाग्य स्थान के स्वामी शनि का पराक्रम के स्थान यानी तीसरे घर में बैठे शुक्र से बन रहा दृष्टि संबंध एक बड़ा राजयोग बना रहा है.
उनकी सँभावित कुँडली जो बनती है उसे देखकर लगता है कि उन्हें अभी उत्तम गजकेसरी योग का लाभ मिलते रहा है. ऐसा क्यूं कर हो रहा है ? ऐसा इसलिए क्यूं कि दशम भाव में गुरु और चंद्रमा का गजकेसरी योग कुँडली दिखाती है.
याद करिएगा भारत के आर्थिक सुधार के उस दौर को जोकि 1990 के दशक में प्रारंभ हुआ था. उस समय गौतम अडानी की कुँडली में बुध की 16 वर्ष की विंशोत्तरी दशा चल रही थी.
ज्योतिष के जानकार के मुताबिक अडानी की कुंडली में लग्न भाव में बुध बैठा हुआ है. इसी बुध की 16 वर्ष की विंशोत्तरी दशा में उन्होंने कारोबार शुरू किया था. शुरूआत से ही अडानी ने खूब प्रगति की है.
नवांश और दशमांश कुँडली को भी ज्योतिष के जानकार अडानी के लिए लाभप्रद बताते हैं. उनके मुताबिक इसमें बुध, दशम भाव में शानदार राजयोग बना रहा है. बुध को धन भाव का स्वामी बताते हैं.
अब धन का स्वामी बुध लग्न में विराजित होगा तो क्या होगा ? इसे समझते हैं कि 1990 से लेकर 2007 तक गौतम अडानी ने व्यवसायिक गतिविधियों में जमकर प्रगति की. इस अवधि में 17 वर्ष की अपनी दशा में बुध ने अडानी का वारा न्यारा कर दिया था.
अब अडानी की सँभावित कुँडली को देखने पर यह शुक्र की महादशा की ओर इशारा करती है. बताया जाता है दिसंबर 2014 में शुक्र की महादशा शुरू हुई थी. यह वही समय था जब पहले प्रदेश के बाहर देश में और फिर विदेश में गौतम अडानी का नाम रौशन होने लगा.
फिलहाल उनकी चंद्र राशि कुंभ पर शनि गोचर कर रहे हैं. यही शनि मार्च 2025 के अंत में पुन: गोचर करेंगे. तब शनि मीन राशि का रूख करेंगे. उस समय चंद्र से दूसरे यानी धन स्थान में होकर अडानी के कामधंधे को हानि पहुँचाना शुरू कर सकते हैं.
अडानी की कुँडली देखने से लगता है कि मीन राशि में मीन राशि के स्वामी गुरु हैं. उनकी अंतरदशा भी शनि की साढ़ेसती के आखरी चरण में हो रही होगी. अंतरदशा नाथ गुरु उनकी कुंडली में महादशानाथ शुक्र से अशुभ षडाष्टक योग में फँसी होगी.
यह स्थिति परिस्थिति बड़ी मान हानि का सँकेत प्रदान करती है. आने वाला समय और खतरनाक परिस्थितियों की ओर इशारा करता है. विशेषकर 2025-26 में अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
शुक्र की महादशा में राहु की अंतर्दशा और मंगल की प्रत्यंतरदशा में दिसंबर 2024 से लेकर मार्च 2025 तक नुकसान का समय हो सकता है. कुँडली बताती है किषशुक्र और गुरु दोनों का नवांश कुंडली में पाप ग्रहों से पीड़ित हैं. मतलब स्वस्थ्य संबंधी कष्ट भी झेलने पड़ सकते हैं.
गौतम अडानी की सँभावित कुँडली देखने से पता चलता है कि शुक्र अपनी शत्रु राशि कर्क में होने के साथ ही राहु से युत है. ज्ञात हो कि राहु को पाप ग्रह माना जाता है.
पाप ग्रह राहु युत कर्क राशि में शुक्र पर दो पाप ग्रहों शनि और मंगल की दृष्टि भी बताई जा रही है. शुक्र में गुरु की विस्मयकारी विंशोत्तरी दशा फरवरी 2025 से जब शुरू होगी तब राजयोग पर भी खतरा मँडराने लगेगा. हो सकता है कि धीरे धीरे राजयोग ही समाप्त न हो जाए.
( नोट : नेशन अलर्ट इसकी सत्यता से वास्ता नहीं रखता है क्यूं कि यह ज्योतिषी विश्लेषण ज्योतिषीय गणना के आधार पर है. )