आत्महत्या या फिर हत्या : पहले दिए 15 हजार लेकिन जब बात नहीं बनी तो दिए सवा लाख !

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नेशन अलर्ट/9770656789
राजनांदगाँव.

ग्राम बरगा स्थित जय राम फूड प्रोडक्ट (बिस्कुट फैक्ट्री) और इसके सँचालक माखीजा परिवार के खिलाफ कथित आत्महत्या या फिर हत्या का मामला गँभीर हुए जा रहा है. पहले मृतक की बहन को 15 हजार दिए गए थे लेकिन जब बात बनती नज़र नहीं आई तो फिर फैक्ट्री मालिक ने सवा लाख रूपए का चेक काट दिया.

आश्चर्यजनक रूप से इस मामले में रहस्यमयी चुप्पी कायम है. दरअसल, मामला राजनीति के साथ साथ सामाजिक सँस्थाओं से जुडे़ माखीजा परिवार का बताया जाता है.

कैसे दिए 1.40 लाख.. ?

प्रकरण में कुलजमा एक लाख चालीस हजार का उल्लेख सामने आता है. अब सवाल इस बात का है कि 1.40 लाख रूपए कैसे, कब, कहाँ और किसे दिए गए?

मृतक का नाम गणेश कुमार साकेत (30) बताया गया था. मृतक गणेश मूलतः मध्यप्रदेश के जिला अनुपपूर का निवासी बताया गया था.

अनुपपूर जिले में एक गाँव का नाम भेजरी बताया जाता है. इसी भेजरी को पुष्पराजगढ़ अंतर्गत बताया जाता है. गणेश यहीं का रहने वाला था.

मध्यप्रदेश के अनुपपूर जिले के किसी गाँव से यहाँ आकर काम करना भी आश्चर्यजनक लगता है. वह भी तब जब फैक्ट्री वाले उसे नियमित मजदूर मानने से इनकार करते हैं.

वह राजनांदगाँव तहसील व जिला अंतर्गत बरगा स्थित जयराम फूड प्रोडक्ट (बिस्कुट फैक्ट्री) का मजदूर था. उसकी मौत बीते 5 मई को फैक्ट्री कैंपस बरगा में सँदिग्ध परिस्थितियों के बीच हुई थी.

मृतक गणेश की एक बहन पडोसी प्रांत मध्यप्रदेश की रहने वाली है. उसका नाम श्रीमती सुनीता जाटव है. महिला ने गणेश को अविवाहित बताते हुए उसकी कथित आत्महत्या को कथित हत्या बताया था.

पूर्व में व्यथित बहन का आरोप था कि फैक्ट्री मालिक के इशारे पर पुलिस भी गलतबयानी कर रही है. सुनीता कहती थी कि गणेश की मौत दरअसल, उसकी हत्या थी.

इसकी सुनीता ने बीते 24 सितंबर को पडोसी प्रांत मध्यप्रदेश से किसी तरह नांदगाँव आकर शिकायत भी की थी. शिकायत पुलिस अधीक्षक को की गई थी.

इसकी प्रतिलिपि महिला ने विधानसभा अध्यक्ष (स्थानीय विधायक) डाक्टर रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष डाक्टर चरणदास महंत, राजनांदगाँव सांसद संतोष पाँडेय, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर सहित सतनामी समाज अध्यक्ष को भी दी थी. विधानसभा अध्यक्ष, साँसद सहित आईजी व एसपी आफिस ने बकायदा शिकायत लेकर सील मुहर लगाई थी.

24 सितंबर की शिकायत पर अब जाकर अक्तूबर में जाँच प्रारंभ हुई थी. शिकायतकर्ता महिला को बयान दर्ज करवाने पुलिस ने बुलवाया था. बीते दिनों वह आई और उसने बयान भी दर्ज करवाया था.

लेकिन बयान दर्ज करवाते ही ऐसा क्या कुछ हुआ कि मामला ही पलट गया. 25 अक्तूबर को शिकायतकर्ता महिला सुनीता को लेकर फैक्ट्री मालिक का कर्मचारी बताया जाने वाला व्यक्ति बैंक आफ बडौदा पहुँचा था.

बैंक आफ बडौदा में जय राम फूड प्रोडक्ट्स के कैश क्रेडिट खाते से सवा लाख रूपए निकाले गए थे. तारीख थी 25, जिसके नाम से चैक काटा गया उसका नाम था सुनीता जाटव.

सवा लाख रूपए के साथ कर्मचारी, सुनीता जाटव को लेकर जिला न्यायालय पहुँचा था. वहाँ उसने फोन पर किसी से बातचीत की थी. सुनीता जाटव की भी बातचीत कराई गई थी.

इसके बाद जो कुछ हुआ वह आने वाले दिनों में पता चलेगा लेकिन इतना तय है कि मामले में कोई न कोई खिचड़ी पकी है. 25 अक्तूबर की शाम अचानक महिला अपने घर मप्र के लिए रवाना भी हो गई थी.

जो लिखापढी़ की गई है अथवा करवाई गई है उसमें 1.40 लाख का उल्लेख किया गया है. यह रकम किश्तों में देना दर्शाया गया है.

मृतक गणेश साकेत अथवा चौधरी के साथ हुए हादसे के तुरंत बाद 15 हजार रूपए देने का उल्लेख है. महिला सुनीता द्वारा पूर्व में की गई शिकायत पर पुलिस ने जाँच शुरू की थी.

सुनीता जाटव को बयान के बुलवाया गया था. मप्र से किसी तरह गरीब परिवार की महिला बयान दर्ज करवाने नांदगाँव आई थी. पुलिस ने बकायदा उसका बयान दर्ज किया था.

अब बयान में ऐसा क्या कुछ महिला ने कहा था कि माखीजा परिवार एक मर्तबा फिर रूपए देने को उतारू हो गया. 25 अक्तूबर की तारीख पर जय राम फूड प्रोडक्ट के बैंक आफ बडौदा के खाते से सुनीता जाटव के नाम से 1.25 लाख का चेक भी काट दिया गया.

चेक उसी दिन क्लीयर भी हो गया. सुनीता जाटव ने 1.25 लाख रूपए अपने बैग में रख लिए थे. इसके बाद उसे लेकर कनिष्ठ अधिवक्ता व माखीजा परिवार का कोई कर्मचारी जिला न्यायालय पहुँचे थे.

यहाँ लिखापढी़ की अथवा करवाई गई थी. जो शपथ पत्र तैयार करवाया गया है उसी में उक्त राशि का उल्लेख नज़र आता है. इन्हीं दस्तावेजों में बार बार सिर्फ़ सुनीता जाटव का नाम नज़र आता है जबकि मृतक गणेश के अन्य भाई बहन भी हैं.

फैक्ट्री सँचालक माखीजा परिवार की तरफ से मौत के तुरंत बाद 15 हजार रूपए देने का उल्लेख शपथ पत्र में है. इसके बाद महिला के पुलिस में बयान दर्ज करवाते ही सवा लाख रूपए उसे पुन: दिए गए.

आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि सवा लाख रूपए सुनीता जाटव को एकमुश्त मिले नहीं भले ही इतनी ही राशि का चेक उसके नाम से काटा गया था.

फैक्ट्री मालिकों ने इसमें से 50 हजार रूपए सुनीता जाटव से वापस ले लिए थे. शपथ पत्र बताता है कि दीपावली के बाद माखीजा परिवार का कोई सदस्य अथवा कर्मचारी सुनीता जाटव के दतिया (मप्र) के नजदीकी गाँव स्थित घर तक पहुँचेगा.

गाँव में ही मृतक के पिताश्री कोदूराम साकेत के हाथों में 50 हजार रूपए दिए जाएंगे. ऐसा शपथ पत्र में उल्लेख करवाया गया है.

बहरहाल, मामले में बहुत से पेंच फँसे हुए हैं. “नेशन अलर्ट” लगातार मामले की परत दर परत खोलने की छोटी सी कोशिश में लगा हुआ है. कोई भी लेकिन फिलहाल कुछ बोलने क्यूं तैयार नहीं है यह रहस्य बना हुआ है.

ग्रामीण थाना लालबाग के निरीक्षक नवरतन कश्यप का इस मामले में कहना था कि मामला जाँच में है. उन्होंने बताया कि मृतक के शरीर के अंग जाँच के लिए भिजवाए गए थे. फारेंसिक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.

मामले की विस्तृत जानकारी थाने से मिल जाएगी. डिटेल अपटेड कर लेता हूँ.

मोहित गर्ग,
पुलिस अधीक्षक, राजनांदगाँव.

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