क्या वाकई भ्रष्ट हैं पूर्व मंत्री भाटिया?
रायपुर।
राजनांदगांव जिले की खुज्जी विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे रजिंदरपाल सिंह भाटिया ने बैठे-ठाले एक बला मोल ले ली है। दरअसल, सोशल मीडिया में इन दिनों चर्चा चल रही है कि रमन सरकार के प्रथम कार्यकाल में परिवहन मंत्री रहे भाटिया ने भ्रष्ट तरीकों से बहुत सी संपत्ति अर्जित की है। भाटिया अथवा उनके समर्थकों ने अब तक इस तरह की चर्चा का कोई जवाब नहीं दिया है लेकिन सारे फसाद की जड़ में छुरिया नगर पंचायत का विवाद शामिल है।
उल्लेखनीय है कि भाटिया के सितारे इन दिनों गर्दिश में है। रमन सरकार के पहले कार्यकाल में भाटिया मंत्री पद पा गए थे। बाद में उन्हें मंत्री पद से हटाया गया और सीएसआईडीसी के चेयरमेन का दायित्व दिया गया। अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से भाटिया खुज्जी का प्रतिनधित्व करते आए थे।
वर्ष 2003 में उन्हें भाजपा ने टिकट देकर विधायक बनाया और साथ में मंत्री पद भी दिया। वर्ष 2008 आते-आते भाटिया से भाजपा का मोहभंग हुआ और स्व.जमुना देवी ठाकुर को प्रत्याशी बनाया गया हालांकि वे हार गईं। वर्ष 2013 में फिर भाटिया को टिकट नहीं मिली। तब भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष स्व. दुखूराम साहू के सुपुत्र स्व. विजय साहू भाजपा की टिकट पर लड़े और उनकी खिलाफत भाटिया ने निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में लड़ कर की। उस समय विजयी रही कांग्रेस के बाद भाटिया दूसरे स्थान पर रहे थे।
कैसे विवादित हुए भाटिया?
कभी नक्सली गतिविधि में शामिल रहे जगतराम कुंजाम के सुपुत्र की शादी में शामिल होकर विवादित हुए भाटिया ने इस बार छुरिया नगर पंचायत के मामले में हाथ डालकर एक तरह से बला मोल ले ली है। वहां की अध्यक्ष श्रीमती राजकुमारी सिन्हा के खिलाफ भाजपा पार्षदों ने अचानक मोर्चा खोल दिया है। इसी मामले में ज्ञापन सौंपने के दौरान भाटिया मौजूद थे।
भाटिया की यही मौजूदगी अब सोशल मीडिया में उन्हें विवादित किए जा रही है। छुरिया के कुछ लोगों ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट डाला है जिसमें भाटिया के तौर तरीकों को भ्रष्ट आचरण से जोड़कर बताया गया है। अब तक भाटिया खेमे से इस तरह के पोस्ट का कोई विरोध सामने नहीं आया है लेकिन भाटिया एक बार फिर विवादों से घिर गए हैं।