राजगामी सँपदा समिति में अनगिनत झोल
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राजनांदगाँव.
रानी सूर्यमुखी देवी के नाम से गठित राजगामी सँपदा समिति के नाम पर नांदगाँव का भला हुआ हो, न हुआ हो लेकिन शासन प्रशासन की शह पर लोगों ने अपना भला जरूर किया है. तभी तो कहा गया है कि अँधेर नगरी, चौपट राजा.
राजगामी सँपदा समिति के गठन का रास्ता 25 जनवरी 1989 को तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार के पत्र से तैयार हुआ. जिस रानी के नाम से समिति गठित हुई उसने 23 अप्रैल 1949 को अँतिम साँस ली थी.
चूँकि उनकी कोई सँतान नहीं थी इस कारण समिति अविभाजित मध्यप्रदेश के समय में गठित हुई थी. तब से लेकर अब तक अमूमन राजनीतिक दलों से ही जुडे़ रहे लोग सदस्य बनते आए हैं.
. . . लेकिन पहले और अब समिति के प्रभाव व प्रतिष्ठा में बहुत अँतर आया है. पहले साँसद इस समिति के अध्यक्ष बना करते थे. जबकि आज सर्वश्री विवेक वासनिक जी जैसे व्यक्ति को अध्यक्ष बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.
राज्य बनने के बाद जैसे जैसे वर्ष बीतते गए समिति से जुडे़ विवादों में भी वृद्धि होते रही. आज राजगामी सँपदा का नाम रानी सूर्यमुखी के नाम से नहीं बल्कि विवादों के नाम से ज्यादा चर्चा में रहता है.
आने वाले दिनों में नेशन अलर्ट : ईमानदारी महँगा शौक है ! इस पर स्टोरी कर परत दर परत भूमाफियाओं, जमीन दलालों और समिति के सँबँधों को उजागर करने की कोशिश करेगा. इस पर यदि पाठक के पास किसी भी तरह की तथ्य परक जानकारी हो तो वह हमसे इस नंबर पर सँपर्क कर सकता है :
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