कहां गया भाजपा का अनुशासन ?

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राजनांदगांव.

जिला भाजपा में सोमवार को मचे दंगल ने बड़ा राजनीतिक बखेड़ा खड़ा कर दिया है. इसपर जिला अध्यक्ष की कार्रवाई ने धुंधली तस्वीर को साफ तो कर दिया है लेकिन ये उनके लिए ही मुसीबत का सबब साबित हो सकता है.

सोमवार को कई भाजपाई जनसंवाद के लिए भाजपा के जिला कार्यालय में जुटे थे. कार्यक्रम तो निपट गया लेकिन इसके बाद जो कुछ हुआ उसने भाजपा की अंदरुनी राजनीति को लेकर बड़ा बखेड़ा खड़ा कर दिया है.

भाजपा नेत्री पारुल जैन और जिला अध्यक्ष मधुसूदन यादव के बीच यहां काफी बड़ा विवाद छिड़ने की खबर दोपहर को निकलकर सामने आई.

इस मामले को लेकर चर्चा का बाजार गर्म ही था तब अध्यक्ष यादव ने पार्टी के अनुशासन की तौहिन करने के मामले में 6 साल के लिए निष्कासित किए जाने की घोषणा सोशल मीडिया में कर दी. ये निष्कासन से ज्यादा घटना की पुष्टि मानी गई.

बताया जाता है कि आज भाजपा के जिला कार्यालय में जो नज़ारा था वो कतई इस स्तर के नेता के लिए मुनासिब नहीं हो सकता.

जिस तरह के आरोप नेता पर लगे वो न ही राजनीतिक भविष्य के लिए और न ही सामाजिक छवि के लिए सहीं हैं. बताया जाता है कि कमरे में सैंडल, थप्पड़ चले.

इसके बाद मामला पुलिस के पास पहुंचने वाला था लेकिन शिकायत करने की धमकी देने वाले वहां तक पहुंचे ही नहीं.

हालांकि उन्होंने संदेह जताया है कि प्रभावशाली रहे नेता उनके जीवन के लिए खतरा साबित हो सकते हैं.

दूसरी ओर भाजपा का एक बड़ा धड़ा इस घटना के बाद दोनों के ही खिलाफ खड़ा है. पार्टी के जिला कार्यालय में इस तरह के मामले नें विपक्ष की नाक काटने का ही काम किया है.

कई नेता कह रहे हैं ये व्यक्तिगत मामला था लेकिन जिम्मेदारों के चलते अब ये पार्टी की इज्जत का सबब बन गया है.

इधर इस मामले में जानकारी लेने पूर्व सांसद व अध्यक्ष मधुसूदन यादव से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका मोबाइल स्वीच आफ था इस कारण बात नहीं हो पाई.

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