यह क्या हुआ ? साहू के बाद कुर्मी समाज ने भी सरकार की परेशानी बढाई
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कवर्धा.
प्रदेश में विष्णुदेव सरकार की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. पहले साहू समाज सरकार से नाराज हुआ और कुर्मी समाज ने अपनी नाराजगी का इजहार कर दिया है. ये दोनों ही समाज राज्य में भाजपा के कोर वोट बैंक माने जाते रहे हैं.
दरअसल, प्रदेश के इन दो बडे़ समाजों की सरकार की नीति और रीति से असँतोष के केंद्र में कबीरधाम जिला ही है. दोनों समाज की नाराज़गी का सामना एक तरह से पुलिस को करना पड़ रहा है.
उल्लेखनीय है कि जिले में पदस्थ डिप्टी रेंजर गणेश चंद्रवंशी पर ड्यूटी के दौरान लाठी डंडा से हमला हो गया था. बताया तो यह तक जाता है कि अन्य धारदार हथियारों से हमला कर उन्हें जान से मारने का प्रयास किया गया.
इस घटना को लेकर कुर्मी समाज में आक्रोश है. कवर्धा राज के युवा अध्यक्ष वीरेंद्र चंद्रवंशी के नेतृत्व में समाज के युवाओं ने पुलिस के खिलाफ एक तरह से मोर्चा खोल दिया है.
समाज द्वारा पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर आरोपियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की गई है. इसके लिए समाज की ओर से दो दिन का समय पुलिस को दिया गया है.
समाज के लोगों का कहना है कि दो दिनों के भीतर मांग पूरी नहीं होने पर सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन किया जाएगा. ऐसी चेतावनी वह पुलिस को दे आए हैं.
छत्तीसगढ़ युवा सर्व कुर्मी समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष तुकाराम चंद्रवंशी ने इस मामले के सभी आरोपियों के खिलाफ लूटपाट एवं अपहरण जैसी गंभीर धाराओं के तहत कड़ी कारवाई करने की मांग की है. नवपदस्थ एसपी राजेश अग्रवाल ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
पुलिस को ज्ञापन सौंपने के दौरान विनोद चंद्रवंशी, कैलाश, दीनानाथ,संदीप, बद्री, डॉक्टर आदित्य, अनिल, उत्तम, अजय, दिलीप, उत्तम, रमन, आशीष, शिवेंद्र एवं सूर्यप्रकाश चंद्रवंशी उपस्थित थे.
रेत माफियाओं ने सिर फोड़ दिया था . . .
दरअसल, सारा मामला रेत चोरी से जुडा़ हुआ है. इसे रोकने गई वन विकास निगम की टीम मौके पर गई थी. उसी समय उस पर जानलेवा हमला हो गया था. टीम में शामिल एक सदस्य का सिर फोड़ दिया गया था.
पाठकों को बताते चलें कि मुखबिर से ग्राम डालामौहा के कुदूर झोरी नाला से रेत निकालकर परिवहन करने की सूचना मिली थी. इस पर वन विकास निगम का अमला मौके पर पहुंचा था. अमले के पहुँचते ही रेत माफियाओं ने दौड़ा – दौड़ाकर पीटा था.
वर्दी भी फाड़ दी गई थी. मामला कुकदूर थाना क्षेत्र का है. वारदात को अंजाम देने के बाद रेत माफिया फरार हो गए थे. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. एक दर्जन से अधिक लोगों ने जिसमें कुछेक बच्चे भी शामिल थे ने वन विकास निगम की टीम को पीटा था.
पंडरिया एसडीओपी पंकज पटेल ने बताया कि इस मामले में शासकीय कार्य में बाधा डाली गई है. शासकीय सेवकों से मारपीट और जान से मारने का प्रयास किया गया है.15 -20 लोगों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया गया है.
बहरहाल, रेत माफियाओं के घर में दबिश देकर 16 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. सभी आरोपियों को ग्राम पंडारीखार और डालामौहा गाँव से हिरासत में लिया गया है.
पहले से खफा है साहू समाज . . .
उल्लेखनीय है कि साहू समाज पहले से ही खफा है. ऊपर से अब कुर्मी समाज ने मोर्चा खोल दिया है. राज्य में इन दोनों समाज के बहुतायत मतदाताओं को भाजपा के लिए मत करने वाला माना जाता है.
साहू समाज की नाराज़गी अब तक दूर नहीं हुई है. समाज के आक्रोश को शाँत करने सरकार ने एक आईपीएस को निलँबित भी कर दिया और कवर्धा एसपी – कलेक्टर हटा दिए गए लेकिन साहू समाज का विश्वास बहाल नहीं हो पाया.
बीते दिनों ही प्रदेश साहू संघ की सामाजिक जांच टीम लोहारीडीह पहुँची थी. टीम का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष टहल सिंह साहू ने किया था.
उनके नेतृत्व में जांच समिति ने ग्राम लोहारीडीह पहुंचकर वस्तुस्थिति का अवलोकन किया था. जांच समिति ने घटना की निंदा की थी.
लोहारीडीह हिंसा मामले में जांच समिति ने प्रंशात साहू के परिवार को सरकारी नौकरी, तीनों परिवारों को एक एक करोड़ रुपए मुआवजे सहित गिरफ्तार लोगों की निशर्त रिहाई के साथ एसपी रहे डॉ. अभिषेक पल्लव को बर्खास्त करने की मांग विष्णुदेव सरकार से की है.
इन माँगों को पूरा करने साहू समाज ने एक सप्ताह का समय सरकार को दिया था. वह भी अब पूरा होने को आया है. दिए गए समय के भीतर मांगें पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है. अब देखना है कि सरकार क्या निर्णय लेती है.
बताते चलें कि 15 सितंबर को शिवप्रसाद उर्फ़ कचरू साहू का शव मध्यप्रदेश जाने वाली सड़क किनारे पाया गया था. कचरू और रघुनाथ साहू के बीच आपसी विवाद था.
इसके चलते कुछ लोगों ने रघुनाथ के घर पर हमला कर दिया. घर पर आग लगा दी गई. इस आगजनी में रघुनाथ साहू की भी मौत हो गई.
बाद में पुलिस ने धरपकड़ के बहाने लोहारीडीह में एक तरह से आतँक फैला दिया. कई पुरुष गिरफ्तार किए गए. 33 महिलाओं को दुर्ग महिला जेल में डाल दिया गया.
इधर, जेल में बँद किए गए प्रशांत साहू ने दम तोड़ दिया. परिजन व समाज पुलिस पिटाई को मौत का कारण बताता है. जबकि पुलिस अधीक्षक रहे डा. पल्लव बीमारी के चलते प्रशांत की मौत की बात कहते रहे हैं.
मामले में काँग्रेस बेहद आक्रामक है. वह और उसके नेता लगातार लोहारीडीह गाँव का दौरा कर रहे हैं. जेल में बँद समाज के लोगों से भी मिल रहे हैं. मतलब साफ है कि आने वाले दिन पारा और चढ़ सकता है.