लोहारीडीह हिंसा : एक आईपीएस निपटे ; दूसरे का अब क्या होगा ?

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स्टेट ब्यूरो

रायपुर/कवर्धा.

कबीरधाम जिले के लोहारीडीह में हुई हिंसा ने अपना असर दिखाना शुरु कर दिया है. विधानसभा अध्यक्ष व प्रदेश के गृहमंत्री के गृह जिले में हुई इस हिंसा से कहीं न कहीं राज्य सरकार दबाव में है. तभी तो उसने आईपीएस को सस्पेंड कर दिया है. जिले के पुलिस अधीक्षक भी विवादों में घिर गए हैं. उनके विरुद्ध राज्य सरकार क्या कोई कडा़ कदम उठाएगी यह देखना होगा.

ज्ञात हो कि लोहारीडीह की घटना में कथित तौर पर शामिल आरोपी प्रशांत साहू ने जेल में दम तोड़ दिया था. प्रशांत की इस अस्वाभाविक मौत के मामले में एक ओर उनके परिजन तो दूसरी ओर प्रमुख विपक्षी दल काँग्रेस आक्रोश में दिखाई दे रही है.

कवर्धा के विधायक विजय शर्मा सरकार में दोहरी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं. शर्मा जहाँ प्रदेश के उप मुख्यमंत्री हैं वहीं वह गृहमंत्री का भी दायित्व सँभाल रहे हैं.

काँग्रेस के धाकड़ नेता माने जाने वाले मोहम्मद अकबर को हराकर पहली मर्तबा विधानसभा पहुँचे विजय शर्मा के लिए लेकिन अभी समय ठीक नहीं चल रहा है. काँग्रेस उन पर आरोप लगाती रही है कि वह गृह मँत्रालय की जिम्मेदारियों को उठा पाने में असक्षम हैं. एक के बाद एक हो रही घटनाएं काँग्रेस के आरोपों को सहजता भी प्रदान करती हैं.

निलंबन के साथ मुआवजे का एलान . . .

दरअसल, पूरे प्रकरण को लेकर सरकार बैकफुट पर नज़र आ रही है. तभी तो उसने न केवल उस आईपीएस को निलंबित करने की घोषणा की जोकि कवर्धा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के पद पर पदस्थ था बल्कि मृतक के परिजनों के मुआवजे की भी घोषणा कर दी.

उप मुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि परिजनों सहित गाँव वालों ने पुलिस के बड़े अधिकारियों पर पिटाई का आरोप लगाया था. इस पर आईपीएस विकास कुमार को निलंबित किया गया है. इसके अलावा मृतकों के परिजनों के लिए सरकार ने 10 लाख रुपए के मुआवजे का भी ऐलान किया है. जब तक माहौल शांत नहीं हो जाता परिजनों की देखभाल भी सरकार की जिम्मेदारी होगी यह गृहमंत्री शर्मा कह आए हैं.

मृतक का पोस्टमार्टम कर दिया गया है. बिसरा जाँच के लिए भेज दिया गया है. जाँच में यदि कोई बात आती है तो उस पर आगे और कार्रवाई की जाएगी ऐसा उप मुख्यमंत्री शर्मा का कहना है.

एएसपी निपटे, एसपी का क्या . . ?

कवर्धा एसपी की जिम्मेदारी आईपीएस डॉ. अभिषेक पल्लव के पास है. उनकी कवर्धा में पदस्थापना काँग्रेसी सरकार के समय की है. माना जा रहा था कि प्रदेश में सरकार बदलने पर डॉ. पल्लव भी बदल दिए जाएंगे लेकिन अभी भी कवर्धा की पिच पर डटे हुए हैं.

आईपीएस पल्लव को प्रदेश में आम जनमानस वायरल एसपी के नाम से पुकारते रहा है. दरअसल, आईपीएस पल्लव के वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल होते रहे हैं. उन्हें वही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल “रील मास्टर” के नाम से आज पुकारते हैं जिन्हें वह अपने गृह जिले में लेकर गए थे.

आग में घी डालने का काम उस वीडियो ने किया जोकि लोहारीडीह हिंसा कांड से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है. वीडियो वाट्सएप सहित अन्य स्थानों पर वायरल है. कांग्रेस ने भी इस वीडियो को अपने ग्रुपों में वायरल कर कवर्धा एसपी पल्लव पर जोरदार निशाना साधा है.

वायरल हो रहे इस वीडियो में एक लड़की पर कुछ महिला पुलिसकर्मी लाठियां बरसाती नजर आ रही हैं. एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव भी वहां मौजूद नज़र आ रहे हैं. एसपी पल्लव की आवाज बहुत साफ नहीं आ रही, लेकिन लड़की को जब लाठियां पड़ रही है, तब उनके तेवर देखकर ऐसा लग रहा है कि वो कह रहे हैं मार…मार…मार.

कांग्रेस ने इस वीडियो को सरकार को घेरने का आधार बनाया है. वह पुलिस पर और हमलावर हो गई है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि इस तरह का वीडियो आना दुर्भाग्यजनक है.

बैज के शब्दों में रक्षक ही अगर इस तरह से काम करेंगे, तो जनता किस पर भरोसा करेगी ? जनता का भरोसा जीतना पुलिस का काम है. इस तरह गुस्सा निकालना नहीं. सरकार से उन्होंने मांग की है कि इस वायरल वीडियो पर संज्ञान लेकर जाँच और कार्रवाई करें.

दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री बघेल इस मुद्दे पर कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. यह उनके लोकसभा क्षेत्र का भी मामला है. सोशल मीडिया में पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा है कि लोहारीडीह के ग्रामीणों और खुद इस हादसे के शिकार रघुनाथ के परिवार वालों ने बताया है कि पुलिस के सामने ही यह आगजनी की घटना हुई है. इससे स्पष्ट है कि पुलिस की लापरवाही से इतनी बड़ी घटना हुई है.

तेवर दिखाने वाले बघेल के शब्दों में कुछ लोगों ने तो यह भी कहा है कि “रील मास्टर” एसपी साहब भी घटना के वक्त मौके पर मौजूद थे, लेकिन वे वीडियो बनाने में व्यस्त थे, यदि पुलिस चाहती तो इस नृशंस घटना को रोक सकती थी.

उस दिन क्या हुआ था . . ?

15 सितंबर, दिन रविवार को कवर्धा जिले के पूर्व सरपंच रघुनाथ साहू के मकान में आग लगा दी गई थी. इसमें उप सरपंच की मौके पर ही मौत हो गई थी. जबकि एक आदमी लापता है. इस दौरान लोगों और पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई.

इसके बाद पथराव हुआ. इस पथराव में कवर्धा एसपी अभिषेक पल्लव और दर्जनों पुलिसकर्मियों को चोटें आई थी. घटना के बाद जिलेभर से पुलिस जवान और सैकड़ों बटालियन के जवानों को बुलाया गया था. ग्रामीण गाँव छोड़कर भाग गए.

ले देकर पुलिस गाँव में घुस पाई थी. मामले में पुलिस ने 170 लोगों को आरोपी बनाया है. अब तक 69 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से एक प्रशांत साहू की कथित तौर पर मौत पुलिस पिटाई के चलते जेल में हो गई.

इधर, भाजपा नेता हत्याकांड में हिरासत में लिए गए प्रशांत साहू की मौत पर काँग्रेस ने प्रदेश बँद कराने की घोषणा कर दी है. 21 सितंबर को यह बँद बुलाया गया है. प्रदेश अध्यक्ष बैज व पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने पत्रकारवार्ता में यह घोषणा करते हुए प्रदेश के गृहमंत्री से इस्तीफे की माँग भी की है.

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