किराए के फार्म हाउस में बनाई जाती थी नकली शराब
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राजनांदगांव.
किराए पर फार्म हाउस लेकर उसमें नकली शराब बनाई जाती थी. बडी़ सफलता के बीच पुलिस ने इस पर मौन साध लिया है कि नकली शराब बनाने के स्थल फार्म हाउस पर क्या कोई कार्रवाई होगी ?
राजनांदगाँव से विभक्त होकर बने खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल के निर्देशन में पुलिस द्वारा लगातार अपराधिक गतिविधियों पर प्रभावी कार्यवाही की जा रही है. इसी क्रम में दिनांक 07 सितंबर को ग्राम नर्मदा में कार्यवाही कर तीन लोगों को शराब बिक्री करते रंगे हाथ पकड़ा गया था.
मामले की विवेचना में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती नेहा पाँडेय, अनुविभागीय पुलिस अधिकारी खैरागढ लालचंद मोहले, प्रभारी साइबर सेल निरीक्षक अनिल शर्मा के द्वारा नकली शराब होने से कड़ाई से पूछताछ की जा रही थी. नरसिंग उर्फ केजरीवाल, ग्राम विचारपुर के द्वारा नकली शराब उपलब्ध कराए जाने की जानकारी मिली थी.
नरसिंग वर्मा को घेराबंदी कर हिरासत में ले लिया गया. उससे मनोवैज्ञानिक ढंग से पूछताछ की गई. इसमें ग्राम रींदा, थाना धमधा, जिला दुर्ग के किराए के फार्म हाउस की जानकारी हाथ लगी.
फार्म हाउस का मालिक कौन . . ?
इसी फार्म हाउस में शासकीय शराब दुकान में मिलने वाले देशी शराब की हुबहु नकल तैयार की जाती थी. अपने साथी विनोद सोनी के माध्यम से निर्माण कर अलग-अलग शराब कोचियों के माध्यम से क्षेत्र में बिक्री कराई जा रही थी.
उक्त फार्म हाउस में दबिश देकर 162 बल्क लीटर मानवीय उपयोग हेतु अनुपयुक्त देशी मदिरा, 150 लीटर स्प्रिट, 15 बोरी खाली शीशी, पालीथीन के 3 बैग में खाली ढक्कन, बोतल सील करने की मशीन (कुल सात लाख नौ हजार पांच सौ नब्बे रूपए का मशरूका) जब्त की गई है. थाना गंडई में अपराध क्रमांक 204/24 धारा 34 (1) ख, 34 (2), 35, 59 आबकारी एक्ट एवं धारा 318 (4), 336 (3), 340 (2), 3 (5) बीएनएस पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया.
प्रकरण में संलिप्त आरोपी नरसिंग पिता स्व. मिलाप वर्मा, विनोद सोनी पिता लखन सोनी, मिर्जा वारिस बेग पिता मिर्जा वाहिद बेग, सुखूराम पिता शत्रुहन जंघेल, समीर खान पिता नासिर खान, आशीष पिता गन्ना मंडावी, रामेश्वर पिता भीखम सिंह को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार आरोपी नरसिंग वर्मा से कड़ाई से पूछताछ बाद प्रकरण में फारवर्ड एवं बैकवर्ड लिंक से जुड़े अन्य 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
प्रकरण में पूछताछ पर जानकारी मिली कि आज से करीब डेढ़ माह पूर्व नरसिंग वर्मा ने साथी विनोद सोनी के साथ मिलकर अवैध कारोबार के मुख्य सरगना जय नारायण गुरूपंच निवासी कुटेली के साथ नकली शराब का निर्माण एवं बिक्री की योजना बनाई थी. अपराधिक प्रवृत्ति के नरसिंग वर्मा ने नागपुर जाकर पूर्व से परिचित शराब तस्कर रोहित बाबर से भेंट की थी. बाबर को पुलिस नागपुर निवासी बताती है.
अपनी योजना से अवगत कराकर, नकली शराब निर्माण के लिए सामान उपलब्ध कराने की बात नरसिंह ने रोहित बाबर से की थी. नरसिंग को इस अवैध कारोबार से जुड़े नागपुर निवासी मोहम्मद समीम से बाबर ने ही मिलाया था.
डील पक्का होने पर मुख्य मास्टर माईंड जयनारायण गुरूपंच की सूचित किया गया. जय नारायण गुरूपंच ने नागपुर पहुंचकर नरसिंग के साथ रोहित बाबर और मोहमद समीम से भेंट की थी.
शासकीय शराब दुकान छत्तीसगढ़ में बिकने वाली देशी शराब की बोतल में लगने वाले स्टीकर, ढक्कन एवं होलोग्राम की हुबहु नकल एक लाख नग उपलब्ध कराने का सौदा सात लाख रूपए में आरोपियों के बीच हुआ था.
अग्रिम बतौर आधी रकम तीन लाख पचास हजार रूपए मोहमद समीम को दी गई थी. मोहमद समीम एवं रोहित बाबर द्वारा स्टीकर, ढक्कन एवं सील मशीन भेजने पर जय नारायण द्वारा पुनः दो लाख चालीस हजार रूपए समीम को दिए गए थे.
होलोग्राम स्टीकर नहीं मिलने से एक लाख रूपए रोका गया था. तीनों आरोपियों को परिशोधित स्प्रिट, स्टीकर, ढक्कन, ढक्कन सील करने की मशीन मिलने के उपरांत नकली शराब के निर्माण एवं बॉटलिंग हेतु सुरक्षित जगह की तलाश की गई.
जय नारायण गुरूपंच अपने परिचित मुढ़िया, थाना परपोड़ी निवासी उमेश वर्मा, से मिला था. उसके पोल्ट्री फार्म के पास स्थित खाली कमरे को पचास हजार रूपए प्रतिमाह किराए की दर से ले लिया गया.
अब नकली शराब की बिक्री भी चालू हो गई. इस काम में सहयोग करने के आरोप में
शराब कोचिया उदयपुर निवासी राजेंद्र निषाद को भी गिरफ्तार किया गया.
नरसिंग वर्मा की गिरफ्तारी के बाद से फरार मुख्य आरोपी जय नारायण गुरूपंच को घेराबंदी कर हिरासत में लिया गया. इधर, साइबर सेल और थाना गंडई की संयुक्त टीम तैयार कर नागपुर भेजी गई.
इसी टीम को रोहित बाबर, मोहमद समीम को भी गिरफ्तार करने में सफलता मिली. गुरूपंच की निशानदेही पर सहयोगी उमेश वर्मा के पोल्ट्री फार्म मुढ़िया परपोड़ी में दबिश दी गई. वहाँ पर से 4 सिन्टेक्स, 2 नग खाली ड्रम, एक नग टुल्लु पंप बरामद किया गया.
पूछताछ पर उमेश वर्मा ने बताया कि दिनांक 07 सितंबर को नरसिंग एवं विनोद सोनी की गिरफ्तारी के बाद मुख्य सरगना जयनारायण के कहने पर स्प्रिट बहा दी गई. 6 बोरियों में रखे ढक्कन एवं एक कार्टून स्टीकर को अतरिया ठेलका मुख्य मार्ग पर स्थित पुल से बांधकर पानी में डूबा दिया हूं. आरोपियों की निशानदेही पर पुल के पास तलाशी ली गई. बहुत अधिक पानी का बहाव होने से उक्त सामग्री नहीं मिल पाई है.
मुख्य आरोपी जयनारायण गुरूपंच से अवैध शराब बिक्री की रकम 65 हजार रूपए मिलाकर अपराध में प्रयुक्त पुरानी ब्रेजा कार जोकि सात लाख रूपए की होगी जब्त की गई है. साथ ही आरोपी उमेश वर्मा से अपराध में प्रयुक्त प्लसर मोटर साइकल भी बरामद की गई है. बाइक की कीमत आज तकरीबन 70 हजार रूपए बताई गई है.
अन्य आरोपियों से अपराध से संबंधित 15 हजार नगद मिले हैं. पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया. फिलहाल ये न्यायिक रिमांड पर भेजे गए हैं. प्रकरण में फारवर्ड एवं बैकवर्ड लिंक की जांच जारी है. अन्य आरोपियों की संलिप्तता की भी आशँका जताई जा रही है.
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक अनिल शर्मा, सहायक उप निरीक्षक टैलेश सिंह,प्रधान आरक्षक कमलेश श्रीवास्तव,आरक्षक विभाष सिंह,त्रिभुवन यदु एवं थाना प्रभारी गंडई का योगदान रहा है.