बदली गई ध्वजा, माजीसा को अर्पित हुए 56 भोग
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बालोतरा.
माजीसा माँ के अवतरण दिवस पर आज जसोलधाम में ध्वजा बदली गई. माँ को 56 भोग की प्रसादी भी अर्पित हुई.
उल्लेखनीय है कि आज भादो माह के शुक्लपक्ष की सातम तिथि थी. सैकड़ों वर्षों पहले इसी माह, पक्ष और तिथि को स्वरूप बाईसा धरती पर अवतरित हुईं थी.
मंदिर ट्रस्ट से जुडे़ भोपाल सिंह बताते हैं कि जसोल में माँ माजीसा का मंदिर स्थापित होने के बाद से ही प्रतिवर्ष निश्चित तिथि पर अवतरण दिवस मनाया जाता है. रानी भटियानी, भुआसा जैसे नामों से भी अपने भगतों के बीच प्रसिद्ध माँ माजीसा के आज के दर्शन के लिए राजस्थान सहित देश-विदेश से भक्त पहुँचे थे.
भोपाल जानकारी देते हुए बताते हैं कि आज अलसुबह से ही माँ के दर्शन के लिए भगतों की लाइन लग चुकी थी. तय समय पर माँ की आरती और जोत हुई.
माँ को 56 भोग चढा़ए गए. नई ध्वजा पूरे विधि विधानपूर्वक चढा़ई गई. कन्या पूजन और भोजन का भी आयोजन इस दौरान मंदिर परिसर में हुआ. देरशाम साँस्कृतिक कार्यक्रम हुए.
विभिन्न धामों में भी हुए कार्यक्रम . . .
माँ माजीसा के विभिन्न धामों में भी अवतरण दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किए गए थे. बीदासर तहसील के बंबू, ओसिया विधानसभा के भवाद, जायल तहसील के राजोद गाँव के माजीसा के धामों पर माँ का जन्मोत्सव मनाया गया.
बंबूधाम. . . बीदासर तहसील, जिला चूरू अंतर्गत आने वाले इसी गाँव में जसोलवाली माँ माजीसा धनियानी की विशेष पूजा अर्चना हुई. विभिन्न स्थानों से बंबू आए माँ के भगतों ने भँडा़रे में शामिल होकर प्रसादी ग्रहण की.
जोधपुर जिले के उजलिया भवाद में भी माँ का अवतरण दिवस धूमधाम से मनाया गया. माँ की सेविका सँगीता बहन के अनुसार दाल बाटी चूरमा सहित रसमलाई का भोग माँ को अर्पित हुआ. भजनों की प्रस्तुति हुई.
नागौर जिले के जायल तहसील अंतर्गत आने वाले राजोद गाँव में भी माँ माजीसा का जन्मोत्सव विभिन्न कार्यक्रमों के साथ मनाया गया. सुबह व शाम को विशेष जोत हुई. रिटायर्ड कैप्टन सज्जन सिंह ने बताया कि नृत्य स्पर्धा कराई गई.
दिव्यानगर धाम, गोकुल जी प्याऊ, सुरपुरा बँधारोड़ मँडोर जोधपुर में भी माँ माजीसा का अवतरण दिवस मनाया गया. दिव्या नगर धाम के गादीपति भरत कुमार दाधीच के नेतृत्व में माँ माजीसा की नगरी जसोलधाम के लिए पैदल यात्रा संघ बुधवार को रवाना होगा. सँघ के साथ अखँड जोत जसोलधाम ले जाई जाएगी.