नांदगाँव के “भँसाली” अब बच नहीं पाएंगे क्यूं कि . . ?

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नेशन अलर्ट/9770656789

राजनांदगाँव/रायपुर.

राज्य की विष्णुदेव साय सरकार ने आज बडा़ फैसला लेते हुए महादेव सट्टा ऐप की आगे की जाँच का जिम्मा सीबीआई के हाथों में सौंप दिया. इससे उम्मीद की जा रही है कि महादेव सट्टा ऐप से जुड़ कर करोड़ों के वारेन्यारे करने वाले वह “भँसाली” नहीं बच पाएंगे जिनका सीधा संबंध राजनांदगाँव से है.

उल्लेखनीय है कि महादेव सट्टा ऐप की पैदाइश में जिनके भी नाम आते हैं वह सब दुर्ग जिले से सँबंधित हैं.पडोसी जिले के रहस्यमयी सट्टा कारोबारियों के तार नांदगाँव से भी जुडे़ रहे हैं लेकिन पैसा, पहुँच और सत्ता की ताकत के आगे नांदगाँव के “भँसाली” मौज काटते रहे.

क्या पुलिस हाथ डालने से डरती रही ?

ऐसा नहीं है कि पुलिस की जानकारी में राजनांदगाँव से जुडे़ लोगों के नाम नहीं है लेकिन किन्हीं कारणोंवश वह हाथ पर हाथ धरे बैठे रही. तो क्या पुलिस नांदगाँव के “भंसालियों” से डरती थी ?

खैर कुछ ही दिनों में इस पर से भी परदा उठ ही जाएगा क्यूं कि अब सारे मामले को सीबीआई देखेगी. इसकी घोषणा राज्य सरकार ने कर दी है.

गृहमंत्री उवाच : विदेश से भी भारत लाए जाएंगे आरोपी

दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार ने महादेव सट्टा ऐप का मामला सीबीआई को सौंपा है. महादेव सट्टा ऐप को लेकर कुल 70 केस दर्ज हैं.

सीबीआई को प्रकरण सौंपे जाने के सँबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. इसकी जानकारी गृहमंत्री विजय शर्मा ने दी है.

गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, 70 केस महादेव ऐप के संदर्भ में दर्ज थे. राज्य की ईओडब्यू में भी केस था. एक से बढ़कर अनेक प्रदेशों का ये मामला है. कुछ मुख्य आरोपी विदेश में भी है, ऐसी जानकारी है.

सारे विषयों को देखते हुए सारे प्रकरण सीबीआई को सौंप दिए गए हैं. अब सीबीआई इस पर गंभीरता से जांच करेगी और कठोरता के साथ इस पर कार्रवाई होगी. विदेशों में भी जो लोग है उनको भी भारत लाया जाएगा.

इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानिकि ईडी ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया है. 16 महीने से महादेव ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच ईडी कर रही थी.

6 हजार करोड़ की आय का अनुमान . . .

ईडी ने आरोप लगाया था कि सिंडिकेट को संरक्षण देने वालों में उच्च पदस्थ राजनेता और नौकरशाह शामिल हैं. उसके अनुसार, इस मामले में करीब 6,000 करोड़ रुपए की आय का अनुमान था.

ईडी, ईओडब्यू के अलावा महादेव ऐप केस में सेबी भी जांच कर रही है. ऐप प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और शुभम सोनी ने सट्टेबाजी की काली कमाई को सफेद करने शेयर मार्केट में 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है. इसकी जांच भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) कर रही है.

ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने अब तक रायपुर की अदालत में तीन अभियोजन शिकायतें दायर की हैं. ईडी ने पहले भी कहा है कि महादेव ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी ऐप में उसकी जांच में कई उच्च पदस्थ राजनेताओं और नौकरशाहों की संलिप्तता सामने आई है.

ऐप के दो मुख्य प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल आते हैं. इस मामले में ईडी ने अब तक कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है.

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