अधिवक्ता अधिनियम 2017 की सिफारिशों को लेकर हड़ताल का असर बस्तर में भी नजर आया
जगदलपुर।
बस्तर में भी वकीलों की हड़ताल का असर नजर आया। दरअसल, अधिवक्ता अधिनियम 2017 की सिफारिशों को गलत बताते हुए अधिवक्ताओं ने आज हड़ताल की थी। एक दिन की सांकेतिक हड़ताल पर देशभर के साथ बस्तर के भी अधिवक्ता शामिल हुए।
बस्तर जिला अधिवक्ता संघ के सचिव नवीन कुमार ठाकुर ने बताया की मान. सुप्रीम कोर्ट में एक केस (महिपाल सिंह राणा विरुद्ध स्टेट ऑफ़ हरियाणा) की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने विधि आयोग से सुझाव माँगा था. इस पर आयोग द्वारा विधेयक दिया गया है जिसमे कुछ बिन्दुं हैं जिससे अधिवक्ता बंधुवा मजदूर बनकर रह जायेंगे. उन्होंने बताया की आयोग द्वारा यह सिफारिश की गयी है की किसी भी जज या न्यायिक पदाधिकारी की लापरवाही व अनुशासनहीनता करने पर अधिवक्ता का लाइसेंस रद्द कर दिया जायेगा. उनका कहना है की इसी तारतम्य में एक कोर कमिटी बनायीं जाएगी जिसमे डॉक्टर, इंजिनियर, व्यवसायी अथवा सेवानिवृत्त जज बतौर सदस्य होंगे, जिसका हम विरोध कर रहे हैं.
सचिव श्री ठाकुर ने बताया की बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया में पदों हेतु कोई चुनाव नहीं होगा बल्कि नोमिनेट किये जायेंगे. इसके अलावा अधिवक्ता द्वारा काम में लापरवाही अथवा अनुसाशन तोड़ने पर कार्यवाही की जाएगी. ऐसे कई मांगो के विरोध में बस्तर जिला अधिवक्ता संघ सहित पुरे देश के अधिवक्ता आज एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल पर हैं. हड़ताल के पश्चात संघ के पदाधिकारी सहित कई अधिवक्ताओं ने मान. राष्ट्रपति महोदय के नाम कलेक्टर को आज ज्ञापन सौंपा है.