वह मंदिर जहां कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं हुआ सत्यापन
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दंतेवाड़ा। देश-विदेश में प्रसिद्ध मां दंतेश्वरी की कुल संपत्ति कितनी है और कहां है यह शायद आज तक कोई नहीं जान पाया। और तो और हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि भौतिक सत्यापन कराया जाए लेकिन वह भी काम नहीं आया। अंततः लापरवाही का आलम ऐसा है कि करोड़ों के जेवरात सहित कुल संपत्ति का भान किसी को नहीं है।
उल्लेखनीय है कि माई के नाम से प्रसिद्ध मां दंतेश्वरी की कुल संपत्ति को लेकर विवाद की स्थिति बताई जाती है। प्रदेश तो छोड़िये बल्कि देश और विदेश में भी मां दंतेश्वरी की महिमा ऐसी गूंजती है कि उनके भक्त चढ़ावा चढ़ाने से पीछे नहीं हटते हैं। साल दर साल आने वाला चढ़ावा और सोने-चांदी के जेवरात की जानकारी जब एकत्र करने का प्रयास किया गया तो किसी को कोई खबर नहीं थी।
गायब है हीरे की बिन्दी
मां दंतेश्वरी को कुल देवी के रूप में पूजा जाता है। यह बस्तर के साथ साथ पूरे राज्य की आराध्य देवी मानी जाती है। काकतीय वंश की कुल देवी को वारंगल से लेकर पुराने राजा बस्तर लाये थे। यही पर इनकी स्थापना की गई।
जानकारों के मुताबिक मां दंतेश्वरी को सोने-चांदी के अनगिनत आभूषण चढ़े। पुराने समय में माता के माथे पर हीरे की एक बिन्दी भी बताई जाती थी जो कि आज की तारीख में गायब है। मंदिर समिति के अलावा मंदिर के पुजारी और प्रशासन को लापरवाही कहा जाएगा कि आज दिनांक तक सत्यापन नहीं हो पाया है।
1982 के पूर्व जब जांच हुई थी तब के दस्तावेज भी मंदिर में आज उपलब्ध नहीं है। और तो और पुजारी भी यह नहीं जानते कि माता की कुल कितनी संपत्ति है। वह कहते हैं कि उन्हें उनके पिताश्री ने एक पेटी होने की जानकारी दी थी। ताले की चाबी किसके पास है यह भी उन्हें नहीं मालूम।
मंदिर समिति ने सत्यापन को लेकर हाईकोर्ट का रूख किया था। तब उसकी मांग थी कि संपत्ति का भौतिक सत्यापन करा लिया जाए। यह मामला तकरीबन 2 साल पुराना है। तब हाईकोर्ट ने आदेश दिया था सत्यापन का जो कि आज दिनांक तक पूरा नहीं हो पाया। इसी के चलते सोने-चांदी के जेवरात सहित जमीन-जायदाद की जानकारी आज तक मां के भक्तों तक नहीं पहुंच पाई है।