संकट में सोम डिस्टलरीज, निरस्त होगा लायसेंस
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रायसेन। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के एक छापे के बाद अब सोम डिस्टलरीज पर संकट गहरा गया है। पुलिस में प्रकरण दर्ज हो चुका है। इधर प्रदेश के आबकारी आयुक्त ने सोम डिस्टलरीज को लायसेंस निरस्त करने नोटिस भी जारी कर दिया है।
प्रदेश के आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल हैं। उनके हस्ताक्षर से 16 जून को एक नोटिस जारी की गई है। यह कारण बताओ नोटिस मेसर्स सोम डिस्टलरीज प्राइवेट लिमिटेड, डी-1/सी.एस.1-वी/एफ.एल-9 अनुज्ञप्तिधारक, सेहतगंज जिला रायसेन मध्यप्रदेश के नाम से जारी हुई है।
इसी नोटिस में बाल संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो द्वारा की गई कार्यवाही का उल्लेख किया गया है। श्री कानूनगो ने हाल ही में मध्यप्रदेश प्रवास के दौरान सोम डिस्टलरीज की मदिरा निर्माण इकाई का निरीक्षण किया था।
59 बच्चे काम करते पाए गए थे
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष श्री कानूनगो ने निरीक्षण के दौरान 59 बच्चों को सोम डिस्टलरीज की मदिरा निर्माण इकाई में काम करते पाया था। यह सभी बच्चे प्रथम दृष्टया नाबालिग प्रतीत हुए थे। इस पर जिला श्रम अधिकारी एवं जिला बाल कल्याण समिति के माध्यम से आयु परीक्षण कराया गया।
इन सभी बच्चों के माता-पिता को आवश्यक दस्तावेज के साथ बुलवाया गया था। 39 बालक व 20 बालिकाएं अंततः आयु परीक्षण में नाबालिग निकले। मदिरा निर्माण इकाई में इन बच्चों के काम करने के चलते इनके चमड़ी गलने लगी थी। हाथों में संक्रमण फैल गया है।
बाल संरक्षण आयोग ने मेसर्स सोम डिस्टलरीज प्राइवेट लिमिटेड जिला रायसेन व उसके संचालकों के विरूद्ध 15 जून को प्रथम सूचना रपट दर्ज कराई। इसके बाद रायसेन के कलेक्टर ने 15 जून को ही अपना एक प्रतिवेदन आबकारी आयुक्त को प्रेषित किया। इसी प्रतिवेदन के आधार पर आबकारी आयुक्त श्री अग्रवाल ने नोटिस जारी की है।
नोटिस में आयुक्त ने लिखा है कि सोम डिस्टलरीज द्वारा कर्मचारियों, बच्चों को पुलिस सत्यापन कराए बिना ही कार्य में नियुक्त किया गया। बच्चों को कार्य में नियुक्त किए जाने की अनुमति किसी भी स्थिति में प्राप्त नहीं होती है। 21 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति अथवा पागल व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके बावजूद इकाई द्वारा सामान्य शर्तों के अधिनियम 11(2) का उल्लंघन किया गया।
आबकारी आयुक्त की नोटिस में लायसेंस निलंबित अथवा निरस्त किए जाने का उल्लेख करने के साथ ही नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर एकपक्षीय कार्यवाही की चेतावनी दी गई है। इसके बाद से सोम डिस्टलरीज चर्चा का विषय बनी हुई है।