चार आईपीएस महादेव सट्टा एप को लेकर निशाने पर
नेशन अलर्ट/www.nationalert.in
दुर्ग। जिले से शुरू हुआ महादेव सट्टा एप का प्रकरण अब प्रदेश से बाहर निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बनने के साथ ही कार्यवाही का केंद्र स्थल हो गया है। इस एप को मदद करने अथवा पैसे लेने के आरोप में प्रदेश के चार आईपीएस अफसर सहित राज्य पुलिस सेवा के दर्जनों अधिकारी निशाने पर आ गए हैं।
मामले की गंभीरता इसी बात से समझी जा सकती है कि इस केस को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम देख रही है। ईडी ने विगत दिनों मुख्यमंत्री के सलाहकार सहित विशेष कर्तव्यस्त अधिकारियों के अलावा उनके नजदीकी बताए जाने वाले व्यापारी से पूछताछ करने ठिकानों पर छापा डाला था।
चार आईपीएस कौन ?
अधिकारिक सूत्र बताते हैं कि ईडी की कार्यवाही लगातार जारी है। मनी लॉड्रिंग जांच में पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के तहत 21 और 23 अगस्त को की गई छापेमारी में सहायक उप निरीक्षक चंद्रभूषण वर्मा गिरफ्तार कर लिए गए थे।
एएसआई वर्मा के अलावा सतीश चंद्राकर सहित हवाला ऑपरेटर अनिल और सुनील दम्मानी भी ईडी की गिरफ्त में आए थे। ईडी का अब ऐसा मानना है कि धरातल पर चंद्रभूषण वर्मा पैसे के इस खेल में सतीश चंद्राकर के साथ मिलकर काम कर रहा था।
अभी तक की गई पूछताछ में उसे राज उगलने वाला माना जा रहा है। उसी ने संभवत: यह बताया है कि वह कई ऐसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को रिश्वत की रकम पहुंचा रहा था जो कि इस केस को प्रभावित कर सकते थे। गत वर्ष कुछेक कार्यवाही की गई थी जिस पर अपने नियंत्रण को बनाए रखने के लिए रिश्वत की रकम बढ़ाई गई थी।
अब यह रिश्वत किन किन तक पहुंचाई जाती थी इसका भले ही अभी नामजद खुलासा सार्वजनिक तौर पर नहीं हुआ है लेकिन माना जा रहा है कि ऐसे मामले में प्रदेश के चार आईपीएस अफसर शामिल हैं। इनमें से तीन आईपीएस तो दुर्ग में पदस्थ रहे थे। इसी तरह एक अन्य आईपीएस सहित राज्य पुलिस सेवा के कई अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों का नाम उभरकर सामने आ रहा है।