जोगी कांग्रेस की समन्‍वय समिति किसी काम की नहीं !

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रायपुर।

पंच परमेश्‍वर की भावना को लेकर गठित की गई छत्‍तीसगढ़ जनता कांग्रेस-जे की समन्‍वय समिति क्‍या किसी काम की नहीं रह गई है ? दरअसल यह सवाल इसलिए किया जा रहा है क्‍यूंकि पार्टी के भीतर पदाधिकारी बनाने की मांग उठने लगी है. जोगी कांग्रेस में जिस उद्देश्‍य से समन्‍वय समिति गठित की गई थी वह उद्देश्‍य भी पूरा नहीं हो पाया है. इसके मद्देनजर जोगी कांग्रेस शीघ्र कोई नया फैसला ले सकती है.

प्रदेश के प्रथम मुख्‍यमंत्री रहे और छत्‍तीसगढ़ जनता कांग्रेस-जे के सुप्रीमो अजीत जोगी ने अपनी पार्टी के गठन के बाद अलग ही फार्मूला इस्‍तेमाल किया था. उन्‍होंने अपनी पार्टी के लिए जिले में संगठन खड़ा करने के लिए पारदर्शिता को महत्‍वपूर्ण मानकर समन्‍वय समिति गठित की थी. अध्‍यक्ष, उपाध्‍यक्ष जैसे पदों और प्रक्रियाओं को परे रखकर उन्‍होंने समन्‍वय समिति के सदस्‍यों को बराबर की महत्‍वता देने की कोशिश की थी जिससे कि पार्टी के भीतर किसी में उपेक्षा की भावना न रहे. लेकिन, जोगी का यह फार्मूला पार्टी के भीतर ही खींचतान का कारण बन गया.

गाहे-बेगाहे जोगी कांग्रेस के भीतर प्रदेश के कई जिलों में अंदरुनी गुटबाजी की खबरें सामने आती रहीं हैं. युवा और वरिष्‍ठों के बीच समन्‍वय समिति में तालमेल बिठाना मुश्किल ही रहा. कई जिलों में छिडी इस जंग ने पार्टी सु‍प्रीमो को कम परेशान नहीं किया. इन सबके चलते अब खबरें आ रही है कि जल्‍द ही जोगी कांग्रेस की समन्‍वय समितियां भंग की जा सकती है.

पंच परमेश्‍वर की नीति से चल रही जोगी कांग्रेस अब जिलों में कमिटी गठित करने की तैयारी कर रही है. कमिटी गठन के बाद अन्‍य राजनीतिक दलों की जरह इसमें भी अध्‍यक्ष, उपाध्‍यक्ष की कार्यप्रणाली शुरु हो जाएगी ऐसी संभावनाएं हैं.

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