चटर्जी ने बर्खास्त किया, महाजन के कार्यकाल में मिली जिम्मेदारी
रायपुर।
लोकसभा अध्यक्ष रहे सोमनाथ चटर्जी ने जिस प्रदीप गांधी को भ्रष्ट आचरण के चलते लोकसभा की सदस्यता से बर्खास्त किया था उसी की अब बल्ले–बल्ले होने लगी है. चटर्जी द्वारा बर्खास्त किए गए प्रदीप वर्तमान लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के मार्गदर्शन में गठित भारतीय संसदीय ग्रुप कार्यकारिणी समिति में लिए गए हैं.
उल्लेखनीय है कि प्रदीप गांधी को भ्रष्ट आचरण के चलते कुछ और सांसदों के साथ तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने बर्खास्त कर दिया था. तब से गांधी गाहे-बेगाहे लोकसभा के गलियारों में दिखाई देते रहे हैं लेकिन उन्हें वह मान-सम्मान नहीं मिला जो कि एक सांसद को मिलता रहा है. गांधी अब शायद अब वह मान-सम्मान प्राप्त कर ले क्यूंकि उन्हें लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन के मार्गदर्शन में गठित समिति में लिया गया है. इस समिति में लोकसभा के वर्तमान 8 सांसद, राज्य सभा के 5 सदस्य सहित तीन पूर्व सांसद शामिल हैं.
वर्ष 2005-06 के दौरान एक मीडिया समूह के स्टिंग ऑपरेशन में प्रदीप गांधी को संसद में सवाल पूछने के एवज में रिश्वत लेते दिखाया गया था. इस स्टिंग ऑपरेशन में कई और भी सांसद शामिल थे. स्टिंग के सामने आने के बाद उस दौरान आरोपी सभी सांसदों को लोकसभा अध्यक्ष रहे सोमनाथ चटर्जी ने संसद की सदस्यता से बर्खास्त कर दिया था. भाजपा के लिए प्रदीप गांधी के इस कृत्य ने बेहद असहज स्थिति बना दी थी. दागी नेता करार देते हुए उन्हें पार्टी से निलंबित भी कर दिया गया था.निलंबन के कुछ ही समय बाद उन्हें फिर से अपनी पार्टी में जगह दे दी और अब तो उन्हें उनका गंवाया हुआ सम्मान दिलाने या देने की भी पूरी कोशिश की जा रही है. वो भी तब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे व्यक्ति के मार्गदर्शन में भाजपा आगे बढ़ रह है जहां दागी नेताओं के लिए कोई जगह नहीं है.
भारतीय संसदीय ग्रुप कार्यकारिणी समिति में अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, उपाध्यक्ष प्रो. पीजे कुरियन (उप सभापति राज्यसभा), उपाध्यक्ष डॉ. एम थाम्बी (लोकसभा), कोषाध्यक्ष ओम बिरला सांसद कोटा मनोनीत किए गए हैं। सदस्य के रुपए में रमेश बैस (छत्तीसगढ़), श्रीमती विजया चक्रवर्ती (आसाम), एनके रामचंद्रन (तमिलनाडु), बीजे पांडा (उड़ीसा), राकेश सिंह (मध्यप्रदेश), श्रीमती सुप्रिया सुलेख (महाराष्ट्र), डॉ. शशि थरुर (केरल), कोनेकल नारायण राव (आ.प्र.), कर्णसिंह (जम्मू कश्मीर), सीताराम येचुरी (बंगाल), नारायण लाल पचारिया (राजस्थान), रणविजय सिंह जुदेव (छत्तीसगढ़), डॉ. विनय पी. सहस्त्रबुध्दे (मप्र), पूर्व सांसद श्रीमती रीता वर्मा (झारखंड), श्रीमती भावना दवे (गुजरात) और प्रदीप गांधी शामिल हैं.