खत्म हुआ विवाद, उड़ीसा का है रसगुल्ला

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भुवनेश्वर.

पश्चिम बंगाल के साथ चल रहा उड़ीसा का रसगुल्ला विवाद संभवत: अब खत्म हो गया है. दरअसल जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग उड़ीसा को मिल गया है.

उड़ीसा में रसगुल्ला बेहद प्रसिद्ध है. इसकी धार्मिक मान्यता है. इसे महाप्रभु श्री जगन्नाथ को बतौर भोग लगाया भी जाता है. वर्षों से यह उड़ीसा के लोगों की पहली पसंद रहा है.

उड़ीसा से है प्राचीन संपर्क

उड़ीसा को जगन्नाथ संस्कृति वाला राज्य माना जाता है. यहां की संस्कृति से रसगुल्ले का प्राचीन संपर्क रहा है. उड़ीसा की परंपरा भी रसगुल्ले से जुड़ी रही है.

वर्ष 2018 में उड़ीसा ने रसगुल्ले पर अपना दावा जताते हुए जीआई मान्यता के लिए आवेदन दिया था. इसके पहले 2017 में पश्चिम बंगाल ने रसगुल्ला पर जीआई टैग भी अर्जित कर लिया था.

फरवरी 2018 में सूक्ष्म उद्योग निगम उड़ीसा की ओर से चेन्नई में प्रमाण पत्र के साथ दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे. दस्तावेजों के अध्ययन के बाद सोमवार को उड़ीसा के रसगुल्ला को जीआई टैग दे दिया गया है.

जीआई मान्यता को लेकर चेन्नई स्थित रजिस्ट्रार ऑफिस की ओर से एक विज्ञप्ति जारी की गई है. इसमें भारत सरकार की ओर से रसगुल्ला का संबंध उड़ीसा से बताया गया है. उड़ीसावासी जीआई टैग मिलने से प्रसन्न हो गए हैं.

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