पलामू टाइगर रिजर्व में ही मिलते हैं बाघ
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रांची.
झारखंड एक ऐसा राज्य है जहां बाघ सिर्फ पलामू टाइगर रिजर्व में ही पाए जाते हैं. हालांकि बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है. अब यह 3 से बढ़कर 5 हो गए हैं. इससे पहले 2014 में गणना हुई थी.
देशभर में बाघों की गणना का आंकड़ा सोमवार को जारी किया गया. सोमवार को जारी किए गए आंकड़े 2018 में की गई गणना से संबंधित हैं.
12 करोड़ रूपए मिले थे
दरअसल झारखंड को केंद्रीय सरकार ने 12 करोड़ रूपए दिए थे. इस राशि का उपयोग बाघ संरक्षण के लिए किया जाना था. 2012 में यह राशि मिली थी.
इतनी ही राशि राज्य सरकार ने भी इस प्रोजेक्ट में लगाई. 2010 का आंकड़ा देखें तो उस दौरान राज्य में 10 बाघ होने की पुष्टि हुई थी. लेकिन पांच साल के बाद यह संख्या गिरकर 3 रह गई थी.
अब जाकर इसमें वृद्धि हुई है. 1 जनवरी 2018 से लेकर दिसंबर 2018 तक पूरे प्रदेश में बाघों की गणना पर निगाह रखी गई. रिजर्व एरिया में ट्रैप कैमरा लगाए गए. हालांकि कैमरा लगाने का निर्णय इसलिए पूरा नहीं हो पाया क्योंकि पूरे रिजर्व एरिया को कवर नहीं किया जा सका.
एक साल तक चली गणना के बाद अब झारखंड बाघों के मामलों में थोड़ा समृद्ध हुआ है. पलामू टाइगर रिजर्व से सैंपल लेकर वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भेजे गए थे. वहां से आई रपट बताती है कि झारखंड में 3 से 5 हो गए हैं बाघ.