नेशन अलर्ट/रायपुर।
मुख्यमंत्री से कई मर्तबा माता कर्मा का मंदिर बनाने साहू समाज ने मांग रखी थी लेकिन उनके द्वारा कुछ नहीं किया गया। मुख्यमंत्री ने एक नहीं सुनी। जब 55 करोड़ की लागत से जैतखंभ बना सकते हो तो माता कर्मा का मंदिर क्यूं नहीं बना सकते.. ऐसा विचार जवाहर साहू का है जिन्होंने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामना थामा है।
लोरमी के रहने वाले जवाहर साहू अचानक भाजपा छोड़कर कांग्रेसी हो गए हैं। उनके कांग्रेस प्रवेश की भनक न तो लोरमी के भाजपाईयों को मिली और न ही प्रदेश भाजपा को इसका अहसास था।
किस कोड से हुआ प्रवेश
दरअसल, भाजपा छोड़ कांग्रेस प्रवेश करने वाले जवाहर साहू एक पूरी रणनीति के साथ कैसे राहुल गांधी के साथ हो लिए इसका खुलासा अब जाकर हो रहा है। रायपुर के एक ब्राह्मण नेता के सहारे दिल्ली में बैठे एक अहम व्यक्ति ने राहुल गांधी से उनकी बातचीत कराई थी।
बताया तो यहां तक जाता है कि राहुल गांधी ने ही पापा 44 नामक कोड जारी किया था जिसका उपयोग कर जवाहर साहू सीधे राहुल तक पहुंचे थे। यदि यह कोड उनके पास न होता तो 6 जगह एसपीजी उन्हें चेक करती और कहीं पर भी उन्हें दिक्कत हो सकती थी लेकिन राहुल गांधी ने यह कोड जवाहर के साथ-साथ एसपीजी को भी दिया था जिसके सहारे वह वहां तक पहुंचे। और तो और इसकी भनक छत्तीसगढ़ पुलिस अथवा यहां की खुफिया पुलिस को भी नहीं लगी।
जवाहर साहू रायपुर स्थित भाजपा के एक कद्दावर नेता के ही निवास पर रुके थे। इस नेता को भी भनक नहीं थी और वहां से निकलने के बाद जवाहर ने राहुल के समक्ष कांग्रेसी गमछा ओढ़ लिया। जवाहर कहते हैं कि भाजपा में साहू समाज की कोई पूछ-परख नहीं है। यहां एकमात्र मंत्री रमशीला साहू थी उसे भी भाजपा ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इन सबसे व्यथित होकर ही उन्होंने भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थामा है।