रायपुर।
देश में पेट्रोलियम पदार्थों में लगातार हो रही मूल्यवृद्धि की खिलाफत करते हुए कांग्रेसी विधायकों ने विधानसभा तक यात्रा बैलगाड़ी से पूरी की। नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव तो सायकल चलाते हुए विधानसभा पहुंचे थे। इधर, बैलगाड़ी सवार विधायकों को विधानसभा भवन के ठीक पहले रोक दिए जाने के चलते कांग्रेसी विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा भी मचाया।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने किसानों को राहत पहुंचाने के लिए विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया था। बुधवार को सत्र के समापन अवसर के समय कांग्रेसी विधायकों ने विरोध करने का नायाब तरीका निकाला। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल के अलावा कई कांग्रेसी विधायक बैलगाड़ी पर विधानसभा पहुंचे थे। नेता प्रतिपक्ष सिंहदेव ने सायकल की सवारी की। इधर, गेट के बाहर रोक दिए जाने के चलते हंगामा भी हुआ।
डीएसपी पर आरोप
आरोप है कि डीएसपी नसर सिद्दिकी ने कांगेे्रसियों के साथ-साथ मीडियाकर्मियों से भी बदसलूकी की। इलेक्ट्रानिक मीडिया के रुपेश गुप्ता के साथ लाईव कवरेज के दौरान बदसलूकी करने का मामला सामने आया है। रायपुर ग्रामीण के विधायक सत्यनारायण शर्मा ने इसकी निंदा की है। उन्होंने कहा है कि सरकार के इशारे पर कुछ पुलिस अधिकारी ऐसा काम कर रहे हैं।
रोकने का कारण बताओ
इधर, कांग्रेसी सदस्यों ने सदन में जमकर हंगामा किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बघेल ने कहा कि उनके द्वारा पहले से ही सूचना दी गई थी कि कांग्रेस के सदस्य बैलगाड़ी से विधानसभा आएंगे। इसके बावजूद दो सौ मीटर पहले कांग्रेसी सदस्यों को रोक दिया जाना गलत है। राज्य सरकार इसका कारण बताए। इसके जवाब में मंत्री प्रेमप्रकाश पांडे ने कहा कि पास जारी होने के बावजूद कोई सदस्य यदि बैलगाड़ी अथवा सायकल से आता है तो इसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार है।
मरकाम ने किया तीखा हमला
अनुपूरक बजट में चर्चा करने के दौरान कांग्रेस विधायक मोहन मरकाम ने सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार इस हद तक डरी हुई है कि वह किसानों को फिर से ठगने के प्रयास में इस तरह का विशेष सत्र बुला रही है। मरकाम यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं के विधानसभा क्षेत्र के हालात से डरे हुए हैं। इसी के चलते यह विशेष सत्र बुलाया गया है।
मरकाम का कहना था कि प्रदेश में सैकड़ों किसानों ने आत्महत्या की है। इस गंभीर मुद्दे पर लेकिन सदन में कोई बात नहीं की जाती है। बस्तर जहां की सबसे ज्यादा मक्का का उत्पादन होता है वहां किसान मजबूरी में इसे सात-आठ सौ रुपए में बेच रहे हैं। इस पर राज्य सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया है। भाजपा का तो सारा ध्यान फर्जी सर्वे रिपोर्ट पर है जहां बस्तर की 11 सीटों पर भाजपा जीताई जा रही है।