सुकमा के बाद बिलासपुर कलेक्टर कांग्रेसी निशाने पर
रायपुर।
सुकमा कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य के बाद अब बिलासपुर कलेक्टर पी दयानंद कांग्रेसी निशाने पर आ गए हैं। कांग्रेस के उपनेता प्रतिपक्ष कवासी लखमा ने जहां सुकमा कलेक्टर पर कार्रवाई की मांग की थी वहीं अब जिला कांग्रेस कमेटी कवर्धा ने बिलासपुर कलेक्टर पी दयानंद पर कार्रवाई करने की मांग निर्वाचन आयोग से की है। इस बाबत शिकायत भी आयोग को प्रेषित की गई है।
उल्लेखनीय है कि पी दयानंद पूर्व में कवर्धा कलेक्टर रह चुके हैं। कवर्धा से उनका स्थानांतरण कोरबा हुआ था। कोरबा के बाद वह फिलहाल बिलासपुर में पदस्थ हैं। कबीरधाम में पदस्थ रहने के दौरान उन्होंने जिला पंचायत चुनाव में वार्ड 13 के प्रत्याशी रहे रामकृष्ण साहू के संदर्भ में जो व्यवस्था दी थी वह पुन: विवादों में आ गई है। ये वही साहू हैं जो कि आज जिला कांग्रेस कमेटी कवर्धा के अध्यक्ष हैं।
क्या हुआ था तब
वर्ष 2014 में हुए जिला पंचायत चुनाव के दौरान कवर्धा के वार्ड 09 व 13 के परिणाम को लेकर विवाद हुआ था। मामला अभी भी बिलासपुर हाईकोर्ट में चल रहा है। तब वार्ड 9 से कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी कलीम खान व वार्ड 13 से प्रत्याशी रहे रामकृष्ण साहू ने तत्कालीन कलेक्टर दयानंद पर वोटों के टेबुलेशन में हेरा-फेरी व ओवर राईटिंग कर टोटल मतों की संख्या को बदल कर परिणाम प्रभावित करने का आरोप लगाया था।
दोनों ने इसके संदर्भ में सबूत भी पेश किए थे। तब जिला न्यायलाय में परिवाद दायर किया गया था जहां चुनाव के दस्तावेजों में कांट-छांट की बात सामने आई थी। कलीम खान को 720 व स्वयं को 183 मतों से विजयी बताने वाले साहू का कहना है कि कलेक्टर के खिलाफ जुर्म दर्ज करने शासन की अनुमति जरुरी होती है। चूंकि अनुमति नहीं मिल पाई इस कारण मामला हाईकोर्ट पहुंच गया।
अब मुख्य निर्वाचन आयोग को प्रेषित शिकायत में उन्होंने दयानंद पर कर्तव्य के विपरित आचरण कर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है। साहू का कहना है कि चूंकि कवर्धा मुख्यमंत्री व राजनांदगांव सांसद का गृह जिला है इसके चलते मुख्यमंत्री नहीं चाहते थे कि जिला पंचायत में कांग्रेस के सदस्य ज्यादा जीतें। तब उन्होंने कलेक्टर के सहारे पंचायत चुनाव में कांग्रेसी प्रत्याशियों को हरा दिया था। अब साहू की मांग है कि पी दयानंद को चुनाव संबंधी कार्य से पृथक किया जाए।