आंगनबाडी केंद्र खुलेंगे तो बढेगी भीड़ और बढे़गा कोरोना : अग्रवाल
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रायपुर.
वरिष्ठ भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने 7 सितंबर से आंगनबाड़ी खोलने के छत्तीसगढ़ सरकार के निर्णय पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि सरकार 5 साल से कम उम्र के मासूम बच्चों, गर्भवती माताओं के साथ साथ एक लााख से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की जिंदगी से खिलवाड़ करने पर तुली हुई है.
अग्रवाल ने एक बयान जारी कर 7 सितंबर से आंगनबाड़ी खोलने के निर्णय को तुगलकी निर्णय बताया है. उनके अनुसार आज कोविड-19 की बीमारी भयावह रूप से पूरे प्रदेश में अपना पैर पसार रही है. हजारों हजार लोग रोज प्रभावित हो रहे हैं.अस्पतालों में बेड नहीं है. इलाज की व्यवस्था नहीं है.
शहर से लेकर गांव तक संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. आज की इस स्थिति में प्रदेश के पूरे 28 जिले प्रभावित हो गए हैं.ऐसे समय में मासूम बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ करते हुए आंगनबाड़ी केंद्र खोलना किसी भी दिशा से उचित नहीं है.
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पूरे प्रदेश में एक एक कमरे में घनी बस्तियों के बीच आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं. उन केंद्रों में बच्चों को बुलाना व गर्भवती महिलाओं को बुलाना कहां तक उचित है ? बच्चे और गर्भवती महिलाओं से एक कमरे के चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना कैसा संभव होगा?
अग्रवाल ने कहा है कि पूरे प्रदेश में महिला बाल विकास के कर्मचारी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कोविड-19 के तहत घर घर जाकर सर्वे के काम में लगे हुए हैं. जिनकी ड्यूटी इस काम में नहीं लगी है वह भी इस काम में लगे अन्य विभाग के अधिकारियों के साथ बस्तियों के सर्वे में सहयोग करते हुए उन्हें मोहल्लों में घूमा रहे हैं.
अग्रवाल ने पूछा आप बताइए जो महिलाएं घर-घर घूम रही हैं, सर्वे कर रही हैं, अनेक लोग इसके चलते कोविड से प्रभावित भी है व प्रभावित भी होंगे, उनके जिम्मे बच्चों को भेजना गर्भवती महिलाओं को भेजना कहां तक उचित है ?
न थर्मामीटर, न स्कैनर
शासन ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को यह भी निर्देश दिया है कि प्रत्येक गर्भवती महिला व बच्चों के शरीर के तापमान का रिकॉर्ड रखें. इस काम के लिए ना तो उनके पास थर्मामीटर है और ना ही थर्मल स्कैनर है और ना ही उन्हें पीपीई कीट दिया गया है. फिर भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ऐसा निर्देश देकर उनकी जिंदगी से भी खिलवाड़ कर रही है सरकार.
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि प्रदेश के लगभग 51 हजार आंगनबाड़ी में भीड़ लगाकर कोरोना संक्रमण को और बढ़ाने के बजाय हितग्राहियों को घर घर में गर्म भोजन पहुंचाया जाना चाहिए.
बड़े बड़े कैंपस में चलनेवाले, सर्वसुविधायुक्त स्कूल व कालेज, कोचिंग सेंटर जिसमे बड़े बड़े बच्चे पढ़ते है वह सब अभी 30 सितंबर तक बंद हैं फिर एक एक कमरे में चल रहे अबोध बच्चो के आंगन बाड़ी केंद्र क्यों प्रारंभ किए जा रहे हैं?
उन्होंने जानना चाहा कि कहि इस आड़ में विभाग बड़ा भ्रष्टाचार करने की फिराक में तो नहीं है क्योंकि 51 हजार के लगभग आंगनबाड़ी केंद्रों में कितने हितग्राही आ रहे हैं कितने नहीं आ रहे हैं इन्हें देखेगा कौन ? . . . और इन्हीं की आड़ में सभी हितग्राहियों के नाम पर बड़ा खेल खेला जाएगा.