अयोध्या में राम, चंद्रखुरी में माता कौशल्या के मंदिर बन रहे

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रायपुर.

उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी अयोध्या में 5 अगस्त को श्रीराम के भव्य मंदिर की आधारशिला रखी जाएगी. इधर राम की ननिहाल माने जाने वाले छत्तीसगढ़ प्रांत के चंद्रखुरी में उनकी माता कौशल्या का भव्य मंदिर बन रहा है. यह कार्य छत्तीसगढ़ सरकार की महती योजना राम वनगमन पथ के अंतर्गत हो रहा है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज धर्मपत्नी श्रीमती मुक्तेश्वरी बघेल और परिवार के सदस्यों के साथ चंदखुरी पहुंचकर वहां स्थित माता कौशल्या के प्राचीन मंदिर में पूजा-अर्चना की. उन्होंने प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि की कामना की.

उन्होंने मंदिर के सौन्दर्यीकरण और परिसर के विकास के लिए तैयार परियोजना की विस्तृत जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिर के सौन्दर्यीकरण के दौरान मंदिर के मूलस्वरूप को यथावत रखते हुए यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए.

22 दिसंबर को शुरु हुआ कार्य

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार राम वन गमन पथ पर पड़ने वाले महत्वपूर्ण स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रही है. इसकी शुरूआत चंदखुरी स्थित माता कौशल्या के मंदिर के सौंदर्यीकरण कार्य से की गई.

22 दिसंबर को यहां भूमि-पूजन के साथ इसकी शुरुआत कर दी गई है. भव्य मंदिर की निर्माण की कार्ययोजना में परिसर में विद्युतीकरण, तालाब का सौंदर्यीकरण, घाट निर्माण, पार्किंग, परिक्रमा पथ का विकास आदि कार्य शामिल किए गए हैं.

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है. यहां कण-कण में भगवान राम बसे हुए है. भगवान राम ने वनवास का बहुत सा समय यहां व्यतीत किया है.

छत्तीसगढ़ सरकार भगवान राम के वन गमन मार्ग को पर्यटन परिपथ के रूप में विकसित कर रही है ताकि इन स्थलों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिल सके.

बघेल ने कहा कि चंदखुरी में 15 करोड़ की लागत से सौंदर्यीकरण का कार्य कराया जाएगा. उन्होंने इस अवसर पर यहां तालाब के बीच से होकर गुजरने वाले पुल की मजबूती के साथ ही यहां परिक्रमा पथ, सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला और शौचालय बनाने कहा है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सौंदर्यीकरण कार्य का भूमिपूजन हो गया है. यहां अगस्त के तीसरे सप्ताह से निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ग्रामीणों की मांग पर मंदिर के पास से बायपास सड़क की स्वीकृति प्रदान करते हुए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए.

वहीं ग्राम वासियों की सहुलियत को देखते हुए चंदखुरी में राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा खोलने के निर्देश जिला अधिकारियों को दिए है.

बघेल ने इस अवसर पर मंदिर परिसर पर बेल और उनकी धर्मपत्नी ने महुआ का पौधा भी रोपा. इसके साथ ही परिसर में आवंला, पीपल, अमरूद और करंज आदि के पौधे भी लगाए गए.

मुख्यमंत्री ने रौपे गए पौधों पर सेरीखेड़ी महिला समूह द्वारा बांस से बनाए जा रहे ट्री-गार्डो को लगवाया. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ग्रामीणजनों से गौठान और गोधन न्याय योजना सहित गांव में उपलब्ध अन्य सुविधाओं की चर्चा की.

इस अवसर पर नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, जनपद पंचायत आरंग के अध्यक्ष खिलेश देवांगन, ग्राम पंचायत चंदखुरी की सरपंच श्रीमती मालती धीवर, कौशल्या माता समिति के अध्यक्ष देवेन्द्र वर्मा और ग्रामीणजन उपस्थित थे.

दक्षिण कोसल के नाम से प्रसिद्ध है छग

गौरतलब है कि त्रेतायुगीन छत्तीसगढ़ का प्राचीन नाम दक्षिण कोसल रहा है. दंडकारण्य के रूप में यह विख्यात था.

प्रभु श्रीराम ने उत्तर भारत से छत्तीसगढ़ में प्रवेश के बाद विभिन्न स्थानों पर चौमासा व्यतीत करते हुए दक्षिण भारत में प्रवेश किया गया था.

छत्तीसगढ़ में कोरिया जिले की गवाई नदी से होकर सीतामढ़ी हरचौका नामक स्थान से प्रभु श्रीराम ने छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया था.

इस दौरान उन्होंने 75 स्थलों का भ्रमण करते हुए सुकमा जिले के रामाराम से दक्षिण भारत में प्रवेश किया था.

उक्त स्थलों में से 51 स्थल ऐसे हैं, जहां प्रभु श्रीराम ने भ्रमण के दौरान रूक कर कुछ समय व्यतीत किया था. प्रथम चरण में इनमें से 9 स्थलों को विकसित किया जाएगा.

छत्तीसगढ़ में राम वनगमन पर्यटन परिपथ को विकसित करने के उद्देश्य से प्रथम चरण में 09 स्थलों का चयन किया गया है.

इन स्थलों में सीतामढ़ी-हरचौका ( कोरिया ), रामगढ़ ( अम्बिकापुर ), शिवरीनारायण ( जांजगीर-चांपा ), तुरतुरिया ( बलौदाबाजार ), चंदखुरी ( रायपुर ) शामिल है.

इसी तरह राजिम ( गरियाबंद ), सिहावा-सप्तऋषि आश्रम ( धमतरी ), जगदलपुर ( बस्तर ), रामाराम ( सुकमा ) शामिल हैं.

राम वनगमन पर्यटन परिपथ में प्रस्तावित 09 स्थलों को लेते हुए पर्यटन विभाग द्वारा एक कॉन्सेप्ट प्लान तैयार किया गया है, जिसकी लागत 137.45 करोड़ रूपए है.

राम वनगमन पर्यटन परिपथ हेतु राज्य शासन द्वारा गत वर्ष (2019-20) राशि 5 करोड़ रूपए और इस वर्ष (2020-21) में 10 करोड़ रूपए का प्रावधान बजट में किया गया है.

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