अरपा,पैरी की गूंज इंदिरा कला संगीत विवि तक पहुंची

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लोक गायिका ममता चंद्राकर लेंगी कुलपति मांडवी सिंह का स्थान

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बंटी तिवारी

खैरागढ़.

स्थानीय इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में अरपा पैरी के धार, महानदी है अपार जैसे छत्तीसगढी़ गीतों को गाने वाली मोक्षदा ( ममता ) चंद्राकर की चहलकदमी सुनाई देगी. दरअसल, कुलाधिपति ने ममता को प्रोफेसर मांडवी सिंह के स्थान पर संगीत विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त कर दिया है.

प्रोफेसर मांडवी सिंह ने दो कार्यकाल इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के कुलपति के रुप में बिताए. उनका कार्यकाल अमुमन विवादों से परे रहा.

मांडवी सिंह की कुलपति के रुप में नियुक्ति मई 2012 में हुई थी. तब कुलपति का कार्यकाल चार वर्षों का हुआ करता था. बाद में इसे संशोधित करते हुए पांच साल कर दिया गया.

कुलपति के दूसरे कार्यकाल में मांडवी सिंह ने विवादों से परे 10 मई 2019 तक सफर पूरा किया लेकिन नियमों में संशोधन के कारण उन्हें एक वर्ष अतिरिक्त मिला.

तब से उम्मीद की जा रही थी कि छत्तीसगढी़ के किसी लोक कलाकार को कुलपति पद की जिम्मेदारी मिल सकती है जोकि आज ममता चंद्राकर की नियुक्ति से सच साबित हुई.

पद्मश्री से सम्मानित हैं ममता

इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की नवनियुक्त कुलपति ममता चंद्राकर पद्मश्री से सम्मानित हो चुकी हैं. उन्हें यह सम्मान वर्ष 2016 में प्राप्त हुआ था. वह छत्तीसगढ़ से यह सम्मान प्राप्त करने वाली कला क्षेत्र की नौंवी हस्ती थी.

अपने पिता दाऊ महासिंह चंद्राकर से सीखी लोककला को वह आगे लेकर आईं हैं. फिलहाल वह राजधानी रायपुर के आकाशवाणी केंद्र में बतौर निदेशक पदस्थ हैं.

राज्यपाल अनुसूईया उईके ने ममता को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त करते हुए उम्मीद जताई है कि उनके कार्यकाल में यह उत्तरोत्तर प्रगति करेगा.

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