शाला की भूमि अधिग्रहण का मुद्दा राजभवन पहुंचा
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रायपुर.
शालाओं के खेल मैदानों की भूमि महज सौंदर्यीकरण के नाम पर अधिग्रहित किए जाने का मसला धीरे धीरे गंभीर हुए जा रहा है. पहले इस विषय पर हस्ताक्षर अभियान शुरु किया गया और अब राज्यपाल से गुहार लगाई जा रही है. राजभवन तक इस मुद्दे को भारतीय जनता युवा मोर्चा ( भाजयुमो ) के सदस्य लेकर गए हैं.
युवा आयोग के पूर्व सदस्य व भाजपा नेता अमरजीत सिंह छाबड़ा, भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति सदस्य विजय जयसिंघानी ने बताया कोरोना संकटकाल में जिस तरह गोपनीय तरीके से सप्रे शाला खेल मैदान व दानी कन्या शाला की भूमि अधिग्रहित की गई है उसके विरोध में राज्यपाल के नाम उनके अवर सचिव को ज्ञापन सौंपा गया है,
ऐतिहासिक सप्रे स्कूल खेल मैदान पहले ही काफी छोटा किया जा चुका है. सौंदर्यीकरण की आड़ में सप्रे स्कूल के साथ ही दानी गर्ल्स स्कूल की भूमि को भी अधिग्रहित किया जा रहा है.
उक्त दोनों शैक्षणिक स्थल अपनी विरासत में खेल गतिविधियों व आजादी से पूर्व क्रांतिकारी गतिविधियों का एक लंबा इतिहास समेटे हुए है.
काट दिए गए पेड़
इनके मुताबिक धारा 144 लागू होने के बाद भी अनेकों मजदूरों को एकत्रित कर दिन-रात लगातार काम शुरू करके पचास से अधिक पेडों को काटा गया. दानी स्कूल की दीवार गिराकर एक बड़े हिस्से को अधिग्रहित किया गया.
इसके साथ ही सप्रे स्कूल का खेल मैदान जिसमें कुछ समय पहले ही स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत करोड़ों रुपए खर्च करके ओपन जिम व सार्वजनिक खेल मैदान बनाया गया था, जिसे सौंदर्यीकरण की आड़ में तहस-नहस कर दिया गया है.
ऐसी आशंका है कि आज नहीं तो भविष्य में इसका चौपाटी के रूप व्यवसायिक उपयोग किया जा सकता है. जबकि जिस स्थान पर लक्ष्मण झूला बनाना प्रस्तावित है, वह स्थल कन्या विद्यालय व कन्या छात्रावास लगा हुआ है.
चूंकि लक्ष्मण झूले का निर्माण वृहद ऊंचाई पर किया जाना है, जिससे कन्या शाला, महाविद्यालय व कन्या छात्रावास का पूरा क्षेत्र लक्ष्मण झूले के ऊपर साफ दिखाई देगा, जिससे निजता भंग होने के साथ ही भविष्य में असामाजिक गतिविधियों का केंद्र बने रहने की भी आशंका बनी रहेगी.
सप्रे शाला का सार्वजनिक खेल मैदान जिसे राष्ट्रीय फुटबॉल ग्राउंड बनाने की बात कही जा रही है, जबकि पूर्व की डॉ. रमन सिंह सरकार द्वारा लाखे नगर स्थित हिन्द स्पोर्टिंग मैदान का राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल मैदान के लिए भूमि पूजन किया जा चुका है.
भाजयुमो नेताओं ने कहा कि इस पूरे निर्माण का हम पुरजोर विरोध करते हैं. अवर सचिव को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर पूरे निर्माण पर तत्काल रोक लगाने मांग की गई है. जांच के पश्चात ही किसी भी तरह का निर्माण कराने की बात कही है, राज्यपाल के अवसर सचिव ने उक्त विषय से राज्यपाल को अवगत कराने का आश्वासन दिया है.