फोर्स को बदनाम करने की नक्सली साजिश या वाकई बलात्कार?
सुकमा।
नक्सलियों से लडऩे के लिए तैनात किए गए जवानों पर ग्रामीणों ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म का आरोप लगाया है। हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि जवान छत्तीसगढ़ पुलिस के थे अथवा केंद्रीय बल के थे। इधर, फोर्स को बदनाम करने की साजिश पुलिस बता रही है।
मामला चिंतागुफा गांव से जुड़ा है। बताया जाता है कि शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात गांव की गश्त पर फोर्स निकली थी। रविवार सुबह 4 बजे जवान एक घर में घुस गए और 14 साल की एक लड़की को उठा लिया।
मारपीट कर भगा दिया
ग्रामीणों के मुताबिक जवानों ने लड़की के चारों ओर घेरा बना लिया और उससे दुष्कर्म किया। घटना के वक्त नाबालिग का पिता घर में नहीं था। उसका बड़ा भाई अन्य ग्रामीणों के साथ पहले से ही आंध्रप्रदेश गया हुआ है।
जब लड़की चीखी तो उसकी मां और भाभी उसे बचाने आगे आईं। जवानों ने उन्हें मारपीट कर भगा दिया। घर में मौजूद बच्चों से भी मारपीट की गई। शोर सुनकर पड़ोसी निकले तो उन्हें भी बेरहमी से पीटा गया। जिस लड़की से रेप हुआ है उसकी हालत गंभीर बनी हुई है लेकिन पुलिस के डर से ग्रामीण उसे अस्पताल नहीं ले जा रहे हैं।
सोशल मीडिया भी सक्रिय हुआ
दिल्ली से डीयू की प्रोफेसर नंदिनी सुंदर ने सोशल मीडिया पर पत्रकारों से मामले की जांच में मदद की गुहार लगाई है। सुकमा में सीपीआई के नेता मनीष कुंजाम को भी ग्रामीणों ने घटना की जानकारी दी है।
इधर बस्तर के प्रभारी आईजी सुंदरराज पी आरोपों से इंकार करते हैं। वे इसे नक्सली साजिश करार देते हैं। श्री सुंदरराज कहते हैं कि फोर्स को बदनाम करने के लिए इस तरह के आरोप पहले भी लगाए जाते रहे हैं। आरोप निराधार हैं।