घंटों में सुलझा ली तेरह लाख रूपए के लूट की गुत्थी
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रायगढ / रायपुर.
रायगढ़ पुलिस ने महज 48 घंटों के भीतर तेरह लाख रूपए लूटने की गुत्थी सुलझा ली है. पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह मामले को सुलझाने में साइबर सेल स्टॉफ सहित जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी खरसिया, थाना खरसिया के स्टॉफ को धन्यवाद ज्ञापित करते हैं.
एसपी संतोष सिंह के मुताबिक एसबीआई बैंक की खरसिया शाखा के पास मालखरोदा निवासी एक व्यक्ति से तेरह लाख रूपए लूट लिए गए थे. मामले में रूपए सहित स्कार्पियो, बाइक व मोबाइल गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों के पास से बरामद कर लिए गए हैं.
कैसे हुई थी लूट
दरअसल, ग्राम अड़भार निवासी कन्हैया राठौर नगर पंचायत अड़भार में ठेकेदारी करता है. राठौर का एसबीआई खरसिया में बैंक खाता है. उसने दो सेल्फ के चेक अगतराम रात्रे को दिए थे.
पुलिस के अनुसार छ: व सात लाख रूपए के चेक अगतराम को कन्हैया ने इसलिए दिए थे क्योंकि वह ठेकेदारी में उसे सहयोग प्रदान करता है. अगतराम ने अपने भाई कार्तिकराम को चेक मिलने की जानकारी देते हुए उसके सुपुर्द कर दिए.
बताया जाता है कि कार्तिकराम ग्राम पंचायत अड़भार का अध्यक्ष और भाजपा नेता है. कार्तिक अपने साथ विकास देवांगन को चेक कैश कराने के लिए लेकर गए थे. कार्तिक व अगतराम स्कॉर्पियो वाहन से बैंक की शाखा पहुंचे थे.
पुलिस के मुताबिक विकास ने छ: व अगतराम ने सात लाख रूपए के चेक कैश कराए. विकास अगतराम को छ: लाख रूपए उसके भाई कन्हैया को देने की बात कहकर रूपए से भरा थैला देकर वापस बैंक चले गया.
रूपयों का बैग पकड़कर अगतराम, कार्तिकराम के पीछे पीछे पैदल चल रहा था. तभी बाइक सवार दो नकाबपोश पहुंचे. उन्होंने अगतराम से रूपयों से भरा थैला छिन लिया और फरार हो गए.
पुलिस तत्काल हरकत में आई. अगतराम (42) पिता ननकी दाऊ की रपट पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 392 के तहत अपराध क्रमांक 517/19 दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की.
एसपी संतोष सिंह के मार्गदर्शन में खरसिया एसडीओपी पितांबर पटेल के साथ खरसिया, छाल थाना सहित साइबर सेल की टीम गुत्थी को सुलझाने में जुट गई. एएसपी अभिषेक वर्मा भी मामले में लग गए.
काम आया सीसीटीवी फुटेज
साक्ष्य जुटाने पुलिस ने आधुनिक तकनीक का सहारा लिया. प्रार्थी अगतराम सहित विकास देवांगन को सीसीटीवी फुटेज दिखाए गए. पूछताछ में कार्तिकराम ने आरोपियों के भागने के दो अलग अलग रास्ते बताए.
शक के आधार पर जांच आगे बढ़ाई गई. सीसीटीवी फुटेज देखकर अगत व विकास देवांगन ने एक नकाबपोश को विक्रम रात्रे के रूप में पहचान लिया जो कि कार्तिकराम का सुपुत्र है.
उससे कड़ाई से पूछताछ की गई. मामले में तब तेलीकोटा निवासी चित्रशेन सतनामी का नाम आया. फिर कार्तिकराम से पूछताछ की तो सारा मामला उजागर हो गया.
मामले में पुलिस ने बगैर नंबर की ग्लैमर बाइक सहित भाजपा नेता कार्तिक की स्कॉर्पियो (सीजी 11 एएम 3999) के अलावा एक मोबाइल जब्त कर लिया गया है.
साथ ही साथ मामले में लूटे गए तेरह लाख रूपए भी बरामद किए गए हैं. इन तेरह लाख रूपए को विक्रम ने ग्राम भाठा थाना मालखरोदा निवासी अपने साढू चेतन रात्रे के घर पर उनकी अनुपस्थिति में छोड़ दिया था. वह बाद में आऊंगा बोलकर वहां से निकला था लेकिन उसे क्या मालूम था कि पुलिस वहां पहुंच जाएगी.
मामले में एसपी संतोष सिंह सफलता का सारा श्रेय एडिशनल एसपी अभिषेक वर्मा, एसडीओपी खरसिया पितांबर पटेल के साथ खरसिया, छाल थाने के स्टॉफ सहित साइबर सेल की टीम को देते हैं.
उन्होंने बताया कि कार्तिक व उसके पुत्र विक्रम सहित चित्रशेन (37) पिता बुद्धुराम सतनामी न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिए गए हैं.