अंतागढ़ टेपकांड : मंतूराम के बाद फिरोज को बुलावा
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रायपुर.
अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव के समय हुई कथित सौदेबाजी को लेकर जारी किया गया टेपकांड अब नए मोड़ पर पहुंच गया है. अंतागढ़ टेपकांड के नाम से चर्चित इस प्रकरण में आवाज का नमूना मिलाने वाइस सैंपल लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. आज मंतूराम पवार का वाइस सैंपल लिया गया जबकि कल यानि कि बुधवार को फिरोज सिद्दीकी को वाइस सैंपल के लिए तलब किया गया है.
अंतागढ़ विधानसभा कांकेर जिले में आती है. इस सीट पर हुए उपचुनाव के समय कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी रहे मंतूराम पवार ने अंतिम क्षणों में अपना नाम वापस ले लिया था.
उस वक्त कांग्रेस के पास निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थन के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा था. अंतत: भाजपा के भोजराम नाग अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव जीतकर विधायक बन गए थे. तब प्रदेश में डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में भाजपा की सरकार हुआ करती थी.
इंडियन एक्सप्रेस ने उजागर किया था प्रकरण
पाठकों को संभवत: याद होगा कि इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने पूरे प्रकरण पर खबर प्रकाशित कर मामले को उजागर किया था. इंडियन एक्सप्रेस ने तब फिरोज सिद्दीकी को लेकर भी खबरें बनाई थी.
यह वही फिरोज सिद्दीकी हैं जिन्होंने अंतागढ़ टेपकांड तैयार किया था. फिरोज सिद्दीकी हालांकि कुछ एक मामलों में संदिग्ध रहे हैं लेकिन उन्होंने अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव को लेकर जो टेप जारी किया था उससे पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में राजनीतिक तौर पर भूचाल आ गया था.
फिरोज सिद्दीकी ने आज दिनांक तक कभी सार्वजनिक तौर पर यह नहीं कहा कि टेप में उनकी आवाज नहीं है. दरअसल फिरोज बारंबार ये कहते रहे हैं कि टेप में उनकी ही आवाज है. अब जाकर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने आवाजों का मिलान चालू किया है.
वह अब तक मंतूराम पवार की आवाज का मिलान कर चुकी है. मंतूराम ने आज साइबर कंट्रोल रूम जो कि गंज थाना परिसर रायपुर में है वहां जाकर अपना वाइस सैंपल दिया है.
मंतूराम के बाद अब फिरोज सिद्दीकी को वाइस सैंपल देने बुलाया गया है. फिरोज भी कल 11 बजे एसआईटी के दफ्तर पहुंचेंगे. यदि फिरोज और मंतूराम के बीच हुई बातचीत के रिकार्ड किए गए टेप में मौजूद आवाज मिल जाती है तो मामला रोचक हो जाएगा.
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता के अलावा पूर्व विधायक अमित जोगी, उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की मुश्किलें आने वाले दिनों में अंतागढ़ टेपकांड को लेकर बढ़ती हुई नजर आ रही है.
चूंकि हाईकोर्ट ने वाइस सैंपल का आदेश किया है इसके चलते अब इसकी प्रक्रिया चालू की गई है. यदि उक्त व्यक्ति वाइस सैंपल देने से इंकार करते हैं तो इसे मंतूराम पवार न्यायालय की अवमानना बताते हैं.