दुष्कर्म करने वाले प्रधानपाठक को उम्रकैद

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दुर्ग.

61 साल के उस प्रधानपाठक को उम्र कैद की सजा सुना दी गई है जिसने आठ वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म किया था. अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीसी) मधु तिवारी ने यह फैसला सुनाया है.

अतिरिक्त लोक अभियोजक पुष्पा रानी पहाड़ी ने बताया कि मासूम छात्रा केंद्रीय विद्यालय में पढ़ती थी. उसके साथ जिस हेडमास्टर ने दुष्कर्म किया वह मूलत: उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर का रहने वाला है.

पहाड़ी के मुताबिक वर्ष 2015 में पीडि़त छात्रा ने केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश लिया था. आरोपी फूलचंद धोबी ने छात्रा के साथ स्कूल परिसर में ही दुष्कर्म किया था.

उसने छात्रा को यह कहते हुए धमकाया था कि यदि उसने किसी को भी यह बात बताई तो इसका परिणाम उसे भुगतना पड़ेगा. डर कर बालिका ने किसी को भी यह बात नहीं बताई.

जब एक बार उसकी तबीयत किसी वजह से बिगड़ी और उसे उपचार के लिए चिकित्सक के पास ले जाया गया तो उसके साथ हुए दुष्कर्म का खुलासा हुआ. न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा है कि आरोपी का यह कृत्य केवल सजा के प्रति अपराध नहीं है बल्कि समाज के प्रति भी अपराध है.

न्यायाधीश मधु तिवारी कहती हैं कि मानवता के विपरीत कृत्य करने वाले आरोपी शिक्षक को ताउम्र जेल में रहने का दंड देने से कम सजा देना उचित नहीं होगा. आजीवन से तात्पर्य शेष जीवनकाल के लिए है.

इस फैसले के बाद बच्ची के परिजनों ने न्यायालय के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है. अब फूलचंद धोबी को तब तक जेल में रहना होगा जब तक उसकी मौत न हो जाए.

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