गृहमंत्री का मुख्य सचिव के कक्ष में जाना नहीं हुआ सार्थक, हाईकोर्ट ने लगा दी रोक

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नेशन अलर्ट.
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रायपुर/बिलासपुर.

प्रदेश के गृहमंत्री का आरक्षक भर्ती को लेकर मुख्य सचिव के कक्ष में जाना अंतत: सार्थक नहीं हो पाया. बिलासपुर हाईकोर्ट ने आरक्षक भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगा दी है.

उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही में राज्य के गृहमंत्री ने आरक्षक भर्ती को लेकर तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए थे. इसी कड़ी में वे स्वयं उठकर मुख्य सचिव के कक्ष तक पहुंच गए थे.

मुख्य सचिव के कक्ष में उन्होंने आरक्षक भर्ती को लेकर बातचीत की थी. गृहमंत्री द्वारा निर्देश भी दिए गए थे कि आरक्षक भर्ती का विज्ञापन शीघ्र जारी कराकर प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए… लेकिन ऐसा हो नहीं पाया.

क्या हुआ हाईकोर्ट में

बिलासपुर हाईकोर्ट में आज आरक्षक भर्ती के विज्ञापन पर रोक लग गई. रोक 18 नवंबर तक के लिए लगी है. याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में यह कहा कि पूर्व में आयोजित आरक्षक भर्ती परीक्षा की तमाम आहर्ताओं को वे पूरा कर चुके हैं.

इसके बावजूद उनका परिणाम जारी नहीं किया गया बल्कि लंबित कर दिया गया. पूर्व में भी वह राज्य सरकार से अनुरोध कर चुके थे. तब उन्हें आश्वस्त किया गया था कि शीघ्र परिणाम जारी हो जाएंगे लेकिन पूर्ववर्ती सरकार के समय जारी विज्ञापन को अधूरा बताते हुए निरस्त कर दिया गया.

याचिकाकर्ताओं परमेश्वर यादव, आशीष सिंह, रूपेश साहू ने इस पर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने की मांग की थी. पहले की भर्ती में तमाम मापदंडों को पूरा करने के बाद भी राज्य सरकार नए सिरे से भर्ती निकाल रही है जो कि उनके हक को छिने जाने के समान है.

हाईकोर्ट ने इस पर राज्य सरकार को अंतत: नोटिस जारी की है. इसे याचिकाकर्ता अपनी पहली जीत बता रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि अगली सुनवाई में उनके हक में फैसला आएगा.

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