शह और मात का खेल दिल्ली में खेला जा रहा
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नई दिल्ली/रायपुर.
छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार में चल रही खींचतान अब राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली तक पहुंच चुकी है. शह और मात का खेल नई दिल्ली के गलियारों में खेला जा रहा है.
लोकसभा चुनाव के परिणाम पूरे देश में कांग्रेस के लिए आशानुकुल नहीं रहे हैं. उस पर से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को कोई बहुत बड़ी सफलता नहीं मिली है.
भले ही कांग्रेस छत्तीसगढ़ में अपने प्रदर्शन को सुधारकर जीती गई सीटों की संख्या को एक से दो करने में सफल रही है लेकिन वह भाजपा को रोकने में असफल रही है.
विधानसभा चुनाव में 68 सीटें जीतकर कांग्रेस ने प्रदेश में जो दबदबा कायम किया था उस गुब्बारे की हवा महज पांच महीनों के बाद हुए लोकसभा चुनाव के दौरान निकल गयी.
छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में पंद्रह साल से काबिज भाजपा के महज पंद्रह विधायक जीते थे.
इसके बावजूद पांच महीनों के दौरान ऐसा क्या कुछ हुआ कि भाजपा 11 में से 9 सीटों को जीत गई. और तो और प्रदेश के मुखिया के गृहजिले में भी भाजपा ने शानदार वापसी की.
अंदर ही अंदर सुलग रही आग
लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद से कांग्रेस के भीतर अंदर ही अंदर आग सुलग रही है. हर कोई अपनी गोटी सेट करने के प्रयास में लगा हुआ है.
हार के कारणों पर जाने के स्थान पर दिल्ली दरबार को अपने अपने तरीके से सेट करने का प्रयास चल रहा है. इसी कड़ी में नई दिल्ली की दौड़ लगाई जा रही है.
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री व मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे टीएस सिंहदेव दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में घूम कर गए हैं.
इधर वह छत्तीसगढ़ लौटते हैं और उधर प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल दिल्ली पहुंच जाते हैं.
हालांकि दोनों ही नेताओं का दौरा सार्वजनिक किया गया है लेकिन अपने अपने समर्थक नेताओं से मिलकर अपनी गोटी आगे बढ़ाई जा रही है.
आने वाले दिनों में यह दिलचस्प होगा कि शह और मात के खेल में कौन जीता कौन हारा.