राहुल के बाद कांग्रेस अध्यक्ष कौन,अमरिंदर या एंटोनी?
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नई दिल्ली.
लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस की कारारी हार के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने पद छोडऩे का निर्णय लिया है. हालांकि देश के छोटे बड़े तमाम कांग्रेसी कार्यकर्ता राहुल गांधी से पद पर बने रहने की गुजारिश कर रहे हैं लेकिन राहुल हैं कि मान ही नहीं रहे हैं. तब सवाल इस बात का उठता है कि राहुल गांधी के बाद कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा?
इसी कड़ी में दो नाम प्रमुखता से सुनाई दे रहे हैं. एक नाम कैप्टन अमरिंदर सिंह का है जो कि इन दिनों पंजाब सरकार के मुखिया हैं. दूसरा नाम एके एंटोनी का है जो उस केरल से आते हैं जहां कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया है.
दोनों गांधी परिवार से बाहर के हैं
बहरहाल, कैप्टन अमरिंदर व एंटोनी वरिष्ट कांग्रेसी नेता हैं. दोनों गांधी परिवार से बाहर के हैं. अब तक कांग्रेस पर यह आरोप लगते रहा है कि वह गांधी परिवार की विरासत को ढोए आ रही है.
संभवत: इसी के मद्देनजर राहुल गांधी ने अपने पद छोडऩे के साथ एक शर्त भी रखी है कि गांधी परिवार से इतर कांग्रेसी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाए. हालांकि अब तक राहुल के इस्तीफे पर कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया है लेकिन राहुल द्वारा एक माह का समय नए अध्यक्ष चुनने दिया गया है.
इधर यदि नए अध्यक्ष चुनने की बारी आती है तो कांग्रेस को प्लस, माइनस का भी ख्याल रखना होगा. एंटोनी गांधी परिवार के बेहद नजदीकी माने जाते हैं लेकिन वह उस ईसाई धर्म से आते हैं जो कि सोनिया गांधी का धर्म रह चुका है.
यदि एंटोनी को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाता है तो फिर भाजपा का कांग्रेस पर यह आरोप रहेगा कि वह ईसाईयों को बढ़ावा दे रही है. इसमें सोनिया गांधी के धर्म को भी जोड़कर टिका टिप्पणी होगी.
देश की आबादी में ईसाईयों की संख्या महज 2.3 प्रतिशत है. याने कि देश में 2.78 करोड़ ईसाई हैं. इसकारण ऐसा नहीं लगता है कि इतनी कम आबादी वाले व्यक्ति को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस बैठे ठाले एक मुद्दा अपने विपक्ष को दे देगी.
अब बात आती है कैप्टन अमरिंदर सिंह की. वह सिख धर्म से ताल्लुकात रखते हैं. कांग्रेस पर सिखों की अनदेखी सहित उनके कत्लेआम के आरोप लगते रहे हैं. यदि कैप्टन अमरिंदर सिंह को कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाती है तो उसके एक निर्णय से दो काम सधेंगे.
इन दिनों पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह व नवजोत सिंह सिद्धू के बीच राजनीतिक संबंध ठीक ठाक नहीं रह गए हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तो कांग्रेस को चेता दिया है कि या तो उन्हें चुन लिया जाए अथवा नवजोत सिंह सिद्धू को.
इसी के मद्देनजर राहुल गांधी की पसंद कैप्टन अमरिंदर सिंह हो सकते हैं. पंजाब सरकार की कमान कैप्टन के किसी नजदीकी व्यक्ति को सौंपकर उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है.
यदि कैप्टन राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं तो कांग्रेस सिख दंगों पर मरहम लगाने का प्रयास कर सकती है. जब कभी कांग्रेस संकट में आई है तो उसने इस तरह के निर्णय लिए हैं कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे.
भारतीय जनसंख्या के मुताबिक भले ही सिखों की आबादी 1.7 प्रतिशत याने कि 2.8 करोड़ है लेकिन देश की राजधानी सहित पूरे भारत में सिख व्यापार जगत में अच्छी खासी उपस्थिति दर्ज कराते रहे हैं.
यदि कैप्टन को कमान मिलती है तो पंजाब सरकार का संकट तो दूर होगा बल्कि कांग्रेस की राष्ट्रीय परिदृश्य में सुधार परिलक्षित हो सकता है.
अब देखते हैं एके एंटोनी अथवा कैप्टन में कांग्रेस किसे राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनती है अथवा राहुल गांधी अपने पद पर बने रहेंगे.