एसएसपी का दावा; दवाओं के नशे में लिखवाया गया था सुसाइड नोट
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इंदौर.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रूचिवर्धन मिश्र के दावे पर भरोसा करें तो भय्यूजी महाराज ने दवाओं के नशे में सुसाइड नोट लिखा था. सेवादार विनायक और शरद के संदर्भ में एसएसपी का दावा है कि दोनों ने बहुत पहले भय्यूजी महाराज से सुसाइड नोट लिखवाकर रख लिया था.
भय्यूजी महाराज के आत्महत्या प्रकरण में अब तक कई मोड़ आ चुके हैं. अब एसएसपी के दावे से एक और मोड़ सामने आया है. उनके दावे के मुताबिक सेवादार विनायक और शरद, भय्यूजी महाराज को बलात्कार प्रकरण में फंसाने की धमकी दे रहे थे.
366 पन्ने का चालान
इंदौर के आजाद नगर पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया है. 366 पन्ने का चालान सीएसपी सुरेंद्र सिंह तोमर द्वारा प्रस्तुत किया गया.
बताया जाता है कि इसमें तकरीबन सवा सौ लोगों से पूछताछ की गई है. 12 चश्मदीदों के बयान दो से ज्यादा मर्तबा परीक्षण के लिए लिये गए.
भय्यूजी महाराज की नजदीकी बताई जाने वाली पलक के बीच मोबाइल में हुई चैंटिंग की भी जांच की गई.
पलक के अलावा सेवादार विनायक, शरद के बीच हुई चैंटिंग की जांच में पुलिस ने यह पाया कि ये तीनों भय्यूजी महाराज की संपत्ति को हथियाने के लिए प्रयासरत थे.
इसके लिए तीनों के द्वारा तकरीबन दो साल से बड़ी साजिश रची जा रही थी. पुलिस पहले ही यह खुलासा कर चुकी है कि पलक विनायक और शरद ने मिलकर भय्यूजी महाराज को हनी ट्रेप में फंसा लिया था.
विनायक दुधाले, शरद देशमुख, पलक पुराणिक की ब्लैकमेलिंग से तंग आकर भय्यूजी महाराज ने खुदकुशी की थी. आत्महत्या के लिए उकसाने, जबरन वसूली और संपत्ति हथियाने के लिए साजिश रचने का आरोप पुलिस तीनों पर लगाते रही है.
अब सवाल इस बात का उठता है कि यदि सुसाइड नोट पहले ही लिखवाया जा चुका था तो वाकई भय्यूजी महाराज ने आत्महत्या की या फिर उनकी हत्या कर दी गई?