पप्पू ने कहा अंतागढ़ से कोई रिश्ता नहीं
नेशन अलर्ट, 97706-56789
रायपुर.
अंतागढ़ टेपकांड को सुलझाने के प्रयास में एक ओर छत्तीसगढ़ पुलिस जुटी हुई है तो दूसरी ओर बल्देव उर्फ पप्पू भाटिया का नाम इसमें सुनाई दे रहा है. हालांकि उन्होंने ये कहते हुए इंकार किया है कि उनका इस मामले से कोई लेना देना नहीं है.
उल्लेखनीय है कि अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव के समय हुई कथित तौर पर करोड़ों की लेन देन छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल लाती रही है. मामले में पूर्व कांग्रेसी व अब भाजपाई मंतूराम पवार सहित अमीन मेमन, पूर्व विधायक अमित जोगी, पूर्व मुख्यमंत्रीद्वय अजीत जोगी-डॉ. रमन सिंह, पूर्व मंत्री राजेश मूणत, डॉ. पुनीत गुप्ता के साथ फिरोज सिद्दीकी का नाम सुनाई देते रहा है.
प्रदेश में भाजपा सरकार के समय हुए इस कथित लेन देन के मामले में कांग्रेस ने अपनी सरकार बनते ही एसआईटी जांच बैठा दी है. अब एसआईटी मामले की परत दर परत उखाडऩे का प्रयास कर रही है. इस कड़ी में बल्देव सिंह भाटिया का नाम अचानक उभर कर सामने आया है.
सबूत की तो बात ही नहीं
हालांकि पप्पू भाटिया ने अंतागढ़ टेपकांड से स्वयं को पृथक बताया है. नेशन अलर्ट ने उनसे जानना चाहा था कि क्या अंतागढ़ में हुई कथित तौर पर खरीद फरोक्त के लिए उनके द्वारा पैसे उपलब्ध कराए गए थे तो उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई सबूत लोगों के पास नहीं है.
वह इस बात को स्पष्ट करते हुए कहते हैं कि सबूत रहेगा भी कहां से जब मामले में मैं शामिल ही नहीं हूं. स्वयं को गैर राजनीतिक व्यक्ति बताते हुए पप्पू स्पष्ट करते हैं कि हर बात में उनका नाम जोड़ा जाता है. चूंकि रमन सिंह राजनांदगांव से आते हैं और वह स्वयं राजनांदगांव के हैं इसकारण दोनों के बीच पुराना भाईचारा रहा है.
पप्पू के शब्दों में लोग तो यहां तक कहते थे कि पप्पू भाटिया सरकार चला रहे हैं. जबकि उन्होंने कभी भी किसी भी राजनीतिक मंच में डॉ. रमन के साथ अपनी मौजूदगी नहीं दिखाई है. स्वयं को खेल और खिलाड़ी के प्रति समर्पित बताते हुए वे कहते हैं कि हर पार्टी में उनके संबंध रहे हैं.
डॉ. सिंह के किसी भी राजनीतिक संबंधों का उन्होंने आज दिनांक तक उपयोग नहीं किया. लोग इस तरह की धारणा क्यों और कैसे बनाते हैं समझ नहीं आता.