अफवाह पर किस्मत पडी भारी, जिंदा लौट आए
दंतेवाड़ा.
नक्सलियों के कब्जे में कैद थानेदार ललित कुमार कश्यप और उनके साथी शिक्षक जय सिंह कुरेटी मंगलवार सुबह सकुशल लौट आए हैं। दोनों को सोमवार को नक्सलियों ने अगवा कर लिया था। एसपी ने दोनों को छोड़े जाने की पुष्टि की है।
एसआई ललित कुमार की हत्या करने की अफवाह फैल गई थी। ग्रामीणों की ओर से मुख्यालय आकर भी इसकी सूचना दी गई। हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की थी। पुलिस की ओर से सर्चिंग तेज की गई। उन्हें ढूंढ निकाला गया।
नक्सलियों ने दोनों को छोड़ा
एसआई और शिक्षक दोनों सुबह समेली कैंप पहुंच गए थे। जहां से दंतेवाड़ा पुलिस दोनों को दंतेवाड़ा ला रही है। जहां उनसे पूछताछ की जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक, नक्सलियों ने साजिश के तहत बड़ी सर्चिंग पार्टी को फंसाने के लिए एंबुश लगा रखा था। दोनों का अगवा करने का मकसद भी जवानों को एंबुश में फंसाने का था।
हालांकि नक्सली अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके। फिलहाल एसआई और शिक्षक को कहां से और कैसे बरामद किया गया, इस बारे में अभी जानकारी नहीं मिल सकी है।
बताया जा हा है कि नक्सलियों ने दोनों को देर रात ही छोड़ दिया था। जिसके बाद वे सुबह करीब 7 बजे समेली कैंप पहुंच गए। एसपी अभिषेक पल्लव ने दोनों के सकुशल लौटने की पुष्टि की है।
पूछताछ के बाद इस मामले में और खुलासा हो सकता है। इसे लेकर शाम को पुलिस अधिकारी जिला मुख्यालय में मीडिया से बात करेंगे।
अब तक का घटनाक्रम
एसआई ललित कांकेर के रहनेवाले हैं, जबकि शिक्षक जय सिंह बालोद के करियाटोला (गुरूर) के निवासी हैं। दोनों को अरनपुर थाना क्षेत्र के जबेली गांव से अगवा किया था।
एसआई के अगवा होने की जानकारी भी अफसरों को देर शाम तब लगी जब वे कैंप नहीं पहुंचे। एसआई की पोस्टिंग 27 मार्च 2018 को सीआरपीएफ कैंप समेली में हुई थी, जबकि शिक्षक कुरेटी प्राथमिक शाला स्कूलपारा जबेली-1 में पदस्थ है।