अभियुक्त थे बारिक, साक्ष्य नहीं मिलने की क्यूं दी गई थी दलील?
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रायपुर.
नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के घोटाले में आखिर केके बारिक अब महत्वपूर्ण हो चलें हैं. ऐसा इसलिए है कि बारिक को पुन: नान के कथित घोटाले में अभियुक्त बनाए जाने का आवेदन एसआईटी ने कोर्ट के समक्ष दिया है.
रमन सरकार के समय का नान घोटाला अभी भी रहस्य बना हुआ है. रमन सिंह की गले की फांस बनकर यह नान का प्रकरण उनके परिजनों को भी परेशान कर रहा है. यदि कोर्ट ने एसआईटी के आवेदन को मानते हुए बारिक को अभियुक्त मान लिया तो क्या कुछ हो सकता है इसकी कल्पना की जा रही है.
क्यूंकर बारिक को छोड़ दिया था..?
जिम्मेदार सूत्र बताते हैं कि पहले बारिक मामले के अभियुक्त थे. तब उनसे हुई पूछताछ में उन्होंने बयान दिया था कि डायरी के पन्नों में लिखा गया ‘सीएम मैडमÓ का मतलब पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी ही है.
घोटाला फूटने के समय जो बारिक अभियुक्त थे उन्हें साक्ष्य नहीं मिलने की दलील देते हुए राहत दे दी गई. मतलब साफ है कि कहीं न कहीं बारिक को बचाने का प्रयास इसलिए हुआ क्यूंकि कई बड़े नाम इसमें शामिल थे.
विशेष न्यायाधीश लीना अग्रवाल की कोर्ट में अब ईओडब्लू की एसआईटी ने जो आवेदन लगाया वह बारिक के कंप्यूटर से मिले कुछ अहम पन्नों से जुड़ा हुआ है. सूत्र बताते हैं कि इन्हीं अहम पन्नों में बड़े-बड़े और प्रभावशाली लोगों के नाम शामिल हैं.
अब जब पुन: ईओडब्लू की एसआईटी मामले की जांच कर रही है तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. कुछ ऐसे पन्ने एसआईटी को मिले हैं जिन्हें जांच में शामिल ही नहीं किया गया था.
इसी तरह बारिक के घर से मिले संपत्ति के दस्तावेज, नकदी रकम की जब्ती पत्रक को अभियोग पत्र में लगाया तो गया लेकिन असमानुपातिक संपत्ति अर्जित करने के संबंध में किसी तरह की विवेचना नहीं की गई थी.
अब बारिक को पुन: एसआईटी ने घेरना शुरु किया है. यदि बारिक के संबंध में बताई जा रहीं बातें वास्तव में सच हैं तो आने वाला समय भाजपा और पूर्व मुख्यमंत्री के लिए परेशानी का सबब लेकर आएगा.