दिल्ली, बिहार, यूपी, गुजरात की तरह न निकलें नतीजें

शेयर करें...

रायपुर।

विधानसभा चुनाव के लिए विभिन्न चैनल्स द्वारा किए गए एक्जिट पोल में भारी-भरकम अंतर है। कोई कांग्रेस को तो कोई भाजपा को जिता रहा है जबकि कई अन्य राज्यों में एक्जिट पोल पूरी तरह से असफल हो गए थे।

याद करिए गुजरात विधानसभा का चुनाव। एबीपी-सीएसडीएस, चाणक्य, रिपब्लिक-सीवोटर, इंडिया टुडे-एक्सिस ने 117 से 113 सीटें भाजपा की खातें में डालीं थी जबकि अनुमान के मुताबिक कांग्रेस 64 से 82 सीट जीत रही थी।

नतीजे इससे उलट आए। भाजपा को जहां 99 सीट मिली वहीं कांग्रेस ने 77 सीट अपने खाते में डाली। पिछले चुनाव से अंतर भाजपा की सीट का 16 माइनस था जबकि कांग्रेस की सीट का 16 प्लस था।

इसी तरह का कुछ रुझान दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय भी आया था। 70 सीटों वाली दिल्ली में हर कोई आप की सरकार के संकेत कर रहा था लेकिन एक्जिट पोल से विपरित मतगणना के समय आप ने 67 सीट जीतकर भाजपा-कांग्रेस को सोचने मजबूर कर दिया था। भले ही सरकार अनुमान के मुताबिक आप की बनी लेकिन उसने पिछले चुनावों से 39 सीट ज्यादा जीतकर एक्जिट पोल को झुठला दिया था।

इससे भी ज्यादा बड़ी गलती भाजपा के सीटों के आंकलन में हुई थी जिसने मात्र 3 सीटें जीतीं थी और 28 सीटों का अंतर नतीजे और पोल के आंकड़ों में था।

0 बिहार, यूपी, उत्तराखंड में क्या हुआ था?
बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में हुए थे। 243 सीटों में से बहुमत का आंकड़ा 122 सीटों का होता है। एबीपी-नील्सन, चाणक्य, इंडिया टुडे-सीसेरो, इंडिया टीवी-सीवोटर जैसे चैनल्स-सर्वे एजेंसीज़ में कोई भी महागठबंधन की इतनी बड़ी जीत का अंदाज नहीं लगा रहा था।

लेकिन, महागठबंधन न केवल जीता बल्कि उसने 178 सीट जीतकर एनडीए के 108 से 155 सीट जीतने के अनुमान को ध्वस्त कर दिया था।

यही हाल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जो कि 2017 में हुए थे का रहा। 403 विधानसभा सीट में 202 बहुमत का आंकड़ा होता है। यहां तमाम चैनल्स भाजपा की जीत का दावा तो कर रहे थे लेकिन चुनावी नतीजे ने भाजपा को इससे बड़ी जीत दी थी। 155 से लेकर 285 सीट के अनुमान के विपरित 265 सीट पिछले चुनाव से ज्यादा जीतकर भाजपा ने 312 का आंकड़ा छुआ था।

अब आते हैं उत्तराखंड विधानसभा के चुनावी नतीजे पर। यहां पिछले साल जो चुनाव हुए थे उसमें 32 से लेकर 53 सीट भाजपा जितेगी का अनुमान था। नतीजे भाजपा के ही पक्ष में आए लेकिन उसने 57 सीटें जीतीं थी। यह नतीजे पिछले चुनाव से ज्यादा बेहतर थे जब भाजपा ने 26 सीट कम जीतीं थीं।

बहरहाल, इस बार किसी भी चैनल ने किसी भी दल की जीत को लेकर कोई ठोस नतीजा अपने एक्जिट पोल में नहीं निकाला है लेकिन इस बार ऐसा लगता है कि कहीं न कहीं एक्जिट पोल गलत होंगे। यदि ऐसा होता है तो पोल की विश्वसनियता पर ही सवालिया निशान खड़े होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *