कृषि, कृषक और मजदूरखबरों की खबरछत्‍तीसगढ़

पानी की कमी से परेशान किसान ने धान छोड़ मक्का की बुआई की, होगा दो गुना मुनाफा

शेयर करें...

राजनांदगांव। राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम भर्रेगांव के कृषक देवराज निषाद ने इस वर्ष रबी सीजन में ग्रीष्मकालीन धान फसल के बदले 7 एकड़ में मक्का फसल की बुआई की है। किसान देवराज निषाद ने बताया कि पिछले वर्ष ग्रीष्मकाल में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलने एवं तेज गर्मी से धान की फसल खराब हो गई थी और उन्हें आर्थिक क्षति हुई थी। उन्होंने बताया कि ग्रीष्मकाल में धान फसल के बाद फिर से धान की फसल लेने से ज्यादा आर्थिक भार आता था। बढ़ती गर्मी के कारण रबी सीजन में खेतों में धान फसल के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति नहीं हो पाती है। मक्का फसल में धान की तुलना में तीन गुना कम पानी लगता है और खेती की लागत 5-6 हजार रूपए प्रति एकड़ कम आती है। साथ ही मक्का फसल में प्रति एकड़ मुनाफा धान फसल की तुलना में दो गुना है। धान की फसल में जहां प्रति एकड़ 35 से 40 हजार रूपए का लाभ होता है। वहीं मक्के की फसल से 50 से 55 हजार रूपए का मुनाफा होता है। कृषक देवराज निषाद ने बताया कि गारमेड पॉपकॉर्न कंपनी से अनुबंध कर पॉपकॉर्न मक्का की खेती कर रहे हैं। जिससे उन्हें प्रति एकड़ 35 से 40 क्विंटल मक्का उत्पादन का भरोसा है। जिसको देखते हुए उन्होंने इस वर्ष धान फसल के बदले मक्का फसल की बुआई कर रहे है। इसके साथ ही वह गांव के अन्य किसानों को भी ग्रीष्मकालीन धान के बदले कम पानी की खपत वाले मक्का या दलहन फसल लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहे है।