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सोसायटी कर्मियों का आज से संभाग स्तरीय धरना, मांगें नहीं मानी तो 12 नवंबर के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल

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डोंगरगांव। प्रदेशभर में सोसायटी कर्मियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर सोमवार से संभाग स्तरीय धरना शुरू कर दिया है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि 12 नवंबर तक शासन ने उनकी चार सूत्रीय मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं कीए तो 13 नवंबर से वे अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल पर चले जाएंगे।
ऐसे में 15 नवंबर से प्रस्तावित धान खरीदी अभियान की तैयारियों पर ग्रहण लग सकता है। समितियों में तालाबंदी की स्थिति बन सकती हैए जिससे किसानों को धान बेचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
सोसायटी कर्मियों का कहना है कि सूखत (धान खराब होने) से हुए नुकसान की भरपाई शासन स्तर पर की जानी चाहिए, जबकि वर्तमान में इसकी वसूली समितियों के कमीशन से की जा रही है, जिससे समितियों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है।
इसके साथ ही कर्मचारियों ने मध्यप्रदेश की तर्ज पर वेतन भुगतान के लिए राज्य शासन से अनुदान, धान उठाव में विलंब से बचने के उपाय और डाटा एंट्री ऑपरेटरों को वार्षिक वेतन भुगतान जैसी मांगें रखी हैं।
कर्मचारियों का यह भी कहना है कि पीडीएस चावल में प्रति मि्ंटल दो किलो या एकमुश्त पांच हजार रुपये की भरपाई, और बैंक भर्ती में समिति कर्मियों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
धरना और हड़ताल की स्थिति में समितियों की अधिकांश गतिविधियां प्रभावित होंगी। सोसायटी प्रबंधक, लिपिक, ऑपरेटर, विक्रेता, दैनिक मजदूर और चौकीदार तक आंदोलन में शामिल हैं।
इससे फड़ की सफाई सुरक्षा व्यवस्था, ड्रेनेज सुधार, स्टॉक पंजीकरण जैसे जरूरी काम ठप हो सकते हैं। साथ ही किसानों के लिए माइक्रो एटीएम और सीएससी सेंटर की सुविधा भी बाधित होने की आशंका है।
शासकीय खाद्यान्न दुकानों के विक्रेताओं के हड़ताल में जाने से राशन वितरण भी प्रभावित हो सकता है।
धरना शुरू होने के बावजूद स्थानीय प्रशासन को इस आंदोलन की जानकारी नहीं है। जिला खाद्य अधिकारी से संपर्क करने पर उनका मोबाइल नो रिप्लाई बताता रहा।
ऐसे में प्रशासन की अनभिज्ञता और समितियों के आंदोलन ने आने वाले दिनों में धान खरीदी की तैयारियों पर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं।