रामदेवरा : भगतों की आस्था के सामने मौसम की एक न चली
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नेशन अलर्ट/रामदेवरा.
लोकदेवता बाबा रामदेव के भादवा मेले के समय बिगडे़ मौसम ने भी भगतों की आस्था के सामने एक तरह से हार मान ली है. भारी बारिश के बावजूद पैदल यात्रा सँघों के अलावा देश विदेश के रामदेव भगतों का जैसे जनसैलाब यहाँ उमड़ पडा़ हो.
दरअसल, इस बार राजस्थान में मौसम एक तरह से परेशानी खडी़ कर रहा है. कई जिलों में पर्याप्त बारिश हुई है तो कई अन्य जिलों में अतिवृष्टि ने परीक्षा ली है.
इसके बावजूद भादो मेला अपने पूरे सबाब पर है. गाँवों और शहरों से रामदेवरा आने का सिलसिला प्रारँभ है. रामदेव भगत अपने अपने साधनों से बाबा के दर्शन के लिए पहुँच रहे हैं.

ट्रेनरूट, गाडियों, हवाई मार्ग से कहीं ज्यादा जोर पैदल यात्री दिखा रहे हैं. रोजाना दर्जनों पैदल यात्री पूरब – पश्चिम, उत्तर – दक्षिण चारों दिशाओं से रामदेवरा पहुँच रहे हैं.
लाखों श्रद्धालु आ चुके हैं…
14 वीं सदी के शासक रहे बाबा रामदेव को राजस्थान का लोक देवता माना जाता है. राजस्थान के अलावा गुजरात, महाराष्ट्, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, आँध्रप्रदेश, तमिलनाड सहित देश विदेश के बाबा भगत भादवा मेले में शामिल होकर बाबा रामदेव का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं.
एक जानकारी के मुताबिक बाबा दूज से शुरू हुआ मेला भादवा पूर्णिमा तक चलेगा. नवमीं तक ही तकरीबन चालीस लाख भगतों ने दर्शन का लाभ लिया है.
बाबा के वँशज ही समाधि स्थल पर पूजा अर्चना का कार्य सँभालते हैं. रामदेवरा ट्रस्ट में तकरीबन 1767 सदस्य हैं. 87 साल से अधिक उम्र का सदस्य 16 वीं पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करता है. 20 वीं पीढी़ तक की जानकारी उपलब्ध बताई जाती है.

यह मेला स्थ़ल 4 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है. जोनों में विभक्ती कर यहाँ 300 से अधिक सफाई कर्मचारी लगाए गए हैं. तीन पालियों में साफ सफाई की जा रही हैं.
कचरा उठाने के लिए आधा दर्जन ट्रैक्टर लगाए गए हैं. ग्राम पँचायत द्वारा लोडिंग टैक्सियाँ भी लगाई गई हैं. इन दिनों 24 घंटे मेला परिसर में घूमकर कचरा सँगठन के कार्य में लगे हुए हैं.
सैकड़ों स्वयँ सेवक भी सफाई में योगदान दे रहे हैं. मेला परिसर में कई अस्थायी शौचालय स्थापित किए गए हैं.
मँदिर समिति के अध्यक्ष राव भोमसिंह हैं जिनके पास मँदिर के मुखिया के तौर पर गादीपति का भी दर्जा है. 200 से अधिक सुरक्षागार्ड के अलावा 500 के करीब कर्मचारी ट्रस्ट के अधीन कार्यरत हैं.

