. . . तो मप्र में 56 हो जाएगी जिलों की सँख्या
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जबलपुर.
यदि वाकई शहपुरा अथवा निवास में से किसी को भी जिले का दर्जा मिलता है तो मध्यप्रदेश में कुलजमा 56 जिले हो जाएँगे. जबलपुर सँभाग पर भी इसका सँख्यात्मक असर पडे़गा. इस सँभाग में फिलहाल 9 जिले शामिल हैं.
उल्लेखनीय है कि शहपुरा को जिला बनाए जाने की माँग लगभग 47 साल पुरानी है. जब डिंडोरी को जिला का दर्जा दिया गया तब भी यह जिले बनने की दौड़ में शामिल था लेकिन इसकी किस्मत खुल नहीं पाई. अब शासन के एक पत्र से फिर बोतल का जिन्न बाहर आ गया है.
सबसे बडा़ और छोटा जिला कौन है. . ?
फिलहाल मध्यप्रदेश में जिलों की सँख्या 55 है. क्षेत्रफल और जनसँख्या के हिसाब से बडे़ जिले अलग अलग हैं. क्षेत्रफल के मामले में यह दर्जा छिंदवाडा़ जिले को जाता है जबकि जनसँख्या के मामले में इँदौर बाजी मार ले जाता है.
लेकिन कम क्षेत्रफल और कम जनसँख्या के दृष्टिकोण से देखा जाए तो इसमें निवाडी़ का नाम आता है. निवाडी़, मध्यप्रदेश का 52वाँ ऐसा शहर था जिसे जिले का दर्जा मिला. इसका कुल क्षेत्रफल 1,170 वर्ग किलोमीटर है जबकि जनसँख्या 4 लाख 4 हजार 807 आँकी गई थी.
वैसे वर्ष 2023 के पहले मध्यप्रदेश में 52 जिले ही हुआ करते थे. मऊगँज, मैहर और पाँढुर्ना के जिले बनने से सँख्या बढ़कर 55 हुई. पाँढुर्ना 55 जिला है जिसे छिंदवाडा़ से पृथक कर दिया गया. इस जिले का क्षेत्रफल 1522.22 वर्ग किमी है.
सँभाग के मामले में मध्यप्रदेश में फिलहाल 10 सँभाग हैं. इनमें जबलपुर के अलावा भोपाल, इँदौर, ग्वालियर, उज्जैन, रीवा, शहडोल, सागर, चँबल और नर्मदापुरम शामिल हैं.

