जब अभिषेक चुनाव लड़ सकता है तो मैं क्यूं नहीं: राकेश पांडेय
रायपुर।
विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण के बाद भारतीय जनता पार्टी में सबसे बड़ी बगावत देखने में आई है। वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र से टिकट नहीं मिलने से नाराज भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय के भाई राकेश पांडेय ने मंगलवार को पार्टी के खिलाफ खुल्ला मोर्चा खोल दिया।
उन्होंने मीडिया में बयान देते हुए कहा कि जब अभिषेक सिंह चुनाव लड़ सकते है, दिलीप सिंह जूदेव की पत्नी और पुत्र चुनाव लड़ सकते है, बलिराम कश्यप के दोनों बेटे चुनाव लड़ सकते है तो सरोज पांडेय का भाई क्यों नहीं लड़ सकता? राकेश पांडेय यही नहीं रुके।
उन्होंने कहा कि वे पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को दिए जाने वाले बी-फार्म के मिलने तक इंतजार करेंगे। इसके बाद निर्दलीय चुनाव लडऩे के बारे में फैसला लेंगे।
ज्ञात हो कि भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को बची सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा करते हुए वैशाली नगर सीट से राकेश पांडेय की जगह वर्तमान विधायक विद्यारतन भसीन को अपना प्रत्याशी बनाया है। मीडिया में पार्टी की सूची जारी होते ही दूसरे दिन सुबह बड़ी संख्या में समर्थक भिलाई में राकेश पांडेय के घर के बाहर जमा होते गए।
भसीन को टिकट देने के विरोध में भिलाई शहर जिला अध्यक्ष सांवला राम डहरे सहित 1500 कार्यकर्ताओं ने इस्तीफे की पेशकश की है। जिला अध्यक्ष डहरे अहिवारा विधानसभा सीट से पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार भी है। वे सरोज पांडेय समर्थक माने जाते हैं।
उनके इस एलान के बाद पार्टी को अहिवारा विधानसभा में नया प्रत्याशी जल्दी घोषित करना होगा क्योंकि दूसरे चरण के नामांकन में केवल दो दिन ही बाकी हैं।
गौरतलब है कि टिकटों की घोषणा के बाद से ही भाजपा में विरोध प्रदर्शन करने का सिलसिला जारी है। अभी तक लगभग 30 विधानसभा के लोग आकर पार्टी दफ्तर में अधिकृत प्रत्याशी को बदलने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर चुके है।
डैमेज कंट्रोल का प्रयास
वैशाली नगर विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय के भाई राकेश पांडेय द्वारा खुला विद्रोह कर देने से पार्टी के रणनीतिकारों के कान खड़े हो गए। सामने चुनाव को देखते हुए बड़ी कार्यवाही करना भी संभव नहीं है। लिहाजा डैमेंज कंट्रोल के लिए कद्दावर मंत्री और पार्टी के संकटमोचक कहे जाने वाले बृजमोहन अग्रवाल को लगाया गया।
कार्यकर्ताओं को समझाने के लिए मंत्री अपना प्रचार अभियान छोड़कर दौड़े-भागे भिलाई पहुंचे और रुठे कार्यकर्ताओं से बात की। उन्होंने कहा कि पार्टी का फैसला है जो भी बात है वे उचित फोरम में रखें। इस तरह इस्तीफा देना सही नहीं है।
भिलाई के कार्यकर्ताओं पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। वे मंत्री के रायपुर जाने निकलते ही पीछे-पीछे भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर आ गए और हंगामा करने लगे। इस दौरान मंत्री भी प्रेस कांफ्रेंस लेने एकात्म परिसर पहुंचे थे। मीडिया से बात करने के दौरान ही बाहर वैशाली नगर से आएं कार्यकर्ता जोर-जोर से नारेबाजी कर हंगामा मचाते रहे।
बहरहाल , आज के इस घटनाक्रम से भाजपा की आंतरिक खींचतान उजागर हो गई है। मुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य सुश्री सरोज पांडेय के बीच खिंची तलवारें भी प्रदेश की जनता को दिखाई देने लगी हैं। आने वाले दिनों में यह लडा़ई और बढे़गी यह भी तय होने लगा है।