सेक्स सीडी पर सीबीआई लेकिन घोटाले पर साध लिया मौन
नेशन अलर्ट/राजनांदगांव।
इंदिरा प्रियदर्शनीय सहकारी बैंक घोटाला धीरे-धीरे मुख्यमंत्री के चेहरे से नकाब हटाते जा रहा है। वह मुख्यमंत्री जो अपने आप को गरीबों का हितैषी बताते रहा है वही मुख्यमंत्री दरअसल, गरीबों द्वारा जमा कराए गए पैसों को ‘लूटकर’ खा गया है। यह तीखा आरोप प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल का है जो कि उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री पर सवाल दागते हुए पूछा है।
इंदिरा प्रियदर्शनीय सहकारी बैंक घोटाला और उस पर छिड़ी सियासत हर दिन कई नए खुलासे कर रही है। मामला कुछ ऐसा है कि इस पर न तो भाजपा को सवाल का जवाब देते बन रहा है और न ही उसके द्वारा कोई कार्रवाई की जा रही है। ऐसा हो क्यूं रहा है..?
दरअसल, मामले में छत्तीसगढ़ भाजपा के बड़े-बड़े दिग्गज फंसे हुए हैं। इसी मामले में वह बृजमोहन अग्रवाल फंसे हुए हैं जिन पर जलकी रिसॉर्ट भूमि घोटाला का आरोप है। इसी मामले में वह अमर अग्रवाल फंसे हुए हैं जिनका नाम भदौरा भूमि घोटाले से जोड़ा जाता है। इसी मामले में वह राम विचार नेताम फंसे हुए हैं जिन पर कई तरह के आरोप हैं… और इसी मामले में वह मुख्यमंत्री फंसा हुआ है जिसके चेहरे पर भाजपा चुनाव लड़ रही है।
क्यूं नहीं की सीबीआई जांच की अनुशंसा
भूपेश मामले को लेकर आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं। भूपेश का सीधा और तीखा सवाल यह है कि मुख्यमंत्री ने इस मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा क्यूं नहीं की? भूपेश मामले को कथित सेक्स सीडी कांड से जोड़ते हुए बताते हैं कि जब मुख्यमंत्री का चहेता मंत्री राजेश मूणत इस विवाद में घिरता है तो मुख्यमंत्री को तत्काल सीबीआई याद आती है।
बघेल इसके आगे और भी सवाल करते हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री को सेक्स सीडी की सीबीआई जांच यदि सहीं लगती है तो उन्हें इंदिरा प्रियदर्शनी सहकारी बैंक घोटाले की सीबीआई जरुरत क्यूं महसूस नहीं हुई? भूपेश इसका भी जवाब खुद अपनी ओर से देते हैं। वह कहते हैं कि मामला चूंकि मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार से सीधा जुड़ा हुआ है इस कारण कहां से इसकी जांच सीबीआई को सौंपी जाती।
गरीब चायवाले, रिक्शा वाले, ऑटोवाले, दिहाड़ी मजदूर जब अपना पेट काटकर थोड़े-थोड़े रुपए से पांच-दस हजार रुपए जोड़कर इंदिरा प्रियदर्शनी सहकारी बैंक में जमा कराता है तो उसे भविष्य की चिंता नहीं रहती है। भूपेश इसके आगे बताते हैं कि लेकिन बैंक के 54 करोड़ कहां और कैसे लूट लिए गए यह कोई इसलिए नहीं जाना पाया क्यूंकि न तो न्यायालय में उस बैंक प्रबंधक उमेश सिन्हा की नार्काे टेस्ट की सीडी सौंपी गई जिसने मुख्यमंत्री को रुपए पहुंचाने की बात कही थी।