चमत्कारी है छत्तीसगढ़ में समाधी वाला बाबा मँदिर
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राजनांदगाँव.
राजस्थान के रामदेवरा स्थित बाबा रामदेव के मँदिर की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में यदि कहीं समाधी वाला मँदिर है तो वह राजनांदगाँव में ही है. इस मँदिर को बडा़ चमत्कारी माना जाता है.
इस मँदिर की देखभाल शरद और कोमल तँवर द्वारा की जाती है. तँवर बँधु बताते हैं कि इस मँदिर की महिमा बडी़ दूर दूर तक फैली हुई. शनिवार रात यहाँ फुलरिया दूज जोरशोर से मनाई गई. रात्रि में भजन गायन किया गया.
सालों से जल रही धूनी . . .
तँवर बँधुओं के बताए मुताबिक पुजारी परिवार फलौदी का रहने वाला है. धूनी वाले बाबा के नाम से जाने जाते थे पुजारी. वर्षों से मँदिर परिसर में धूनी
जल रही है.

वे बताते हैं कि वर्षों पहले रामदेवरा से मिट्टी और जोत लाकर यहाँ समाधी स्वरूप में बाबा के मँदिर की स्थापना उनके पूर्वज ने की थी. इसके पहले रायपुर के अँबादेवी मँदिर परिसर स्थित बाबा मँदिर में स्थानीय भगतों को जाना पड़ता था.
इन सब परेशानियों को देखते हुए भगतों के सहयोग से यहाँ पर इतने भव्य मँदिर की स्थापना हुई. पहले यह डबरीपारा के तालाब का किनारा था. तब बेहद निचाई में यह मँदिर था जिसे आज इस रूप में लाया गया है. यह भी बाबा की ही मर्जी है.
मँदिर परिसर में गणेश जी के मँदिर के अलावा और भी मँदिर हैं. पीछे गौशाला भी है. माघ और भादों में वृहद स्तर पर बाबा का मेला भी लगता है. मँदिर में एक बावडी़ भी स्थित है जिसकी खुदाई एक ही दिन में हुई थी. इस बावडी़ का जल कभी खत्म नहीं होता.