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जनता सोचे फिर हर हाल में मतदान करे

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राजनांदगाँव.

शहरवासियों से सोच समझ कर हर हाल में मतदान करने की अपील पूर्व पार्षद व चुनाव विश्लेषक हेमँत ओस्तवाल ने की है. उन्होंने बीते 15 वर्षों की तथाकथित उपलब्धियों को भी जनता के समझ रखा है.

हेमँत, सदर बाजार निवासी हैं. यहाँ ज्यादातर भाजपा जीतते रही है. इसके बावजूद स्थानीय विधायक डॉ रमन सिंह और पूर्व महापौर मधुसूदन यादव के १५ वर्षों के कार्यकाल में शहर को स्थायी रूप से एक भी मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं हुई है.

उनके मुताबिक संस्कारधानी नगरी की जनता डॉ. रमन सिंह को सन् १९९९ के लोकसभा चुनाव से जीताते आ रही है.१९९९ के चुनाव जीतने के बाद वे अटल जी की सरकार में राज्य मंत्री बने थे.

केंद्रीय राज्य मंत्री बनने के बाद दुर्भाग्य यह रहा कि, राजनांदगांव की स्थापित बंगाल नागपुर काटन मिल (बीएनसी मिल) बँद हो गई. यहाँ उत्पादित होने वाली मच्छरदानी की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बडी़ माँग हुआ करती थी.

इसके बाद डा. रमन सिंह २००३ में प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए. इस पद को उन्होंने २०१८ तक सुशोभित किया लेकिन इस लँबी अवधि में भी राजनांदगाँव के व्यापार जगत को बीएनसी मिल का विकल्प उपलब्ध नहीं हो पाया.

हेमँत बताते हैं कि शहर को हर दृष्टिकोण से दो भागों में बाँटा गया. दो जिला अस्पताल, दो बस स्टैंड, सब्जी बाजार. लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात.

प्रदेश का पहला गोकुल नगर बसाने के बावजूद आज यहाँ की सड़कों पर मवेशियों का आसन लगा रहता है. ट्रांसपोर्टर नगर किस स्थिति में है यह किसी से छिपा नहीं है.

पेयजल योजना की गति और गत कब कैसे सुधरेगी कोई नहीं जानता है. राजा के जमाने के कुएं और तालाब किस स्थिति में हैं यह यदि जानना हो तो बूढासागर देख लीजिए.

मैदान भी सुरक्षित नहीं रह गए हैं. स्टेट व म्यूनिस्पल स्कूल मैदान सहित दिग्विजय स्टेडियम मैदान की क्या स्थिति है यह छिपी हुई नहीं है.

हेमँत के मुताबिक इन सब पर लाखों करोड़ों रूपए खर्च किए जाने का दावा किया जाता है. यह खर्च तब का है जब डा. रमन व मधुसूदन सत्ता में रहे हैं. इस कारण जनता को सोच समझकर मतदान करने जाना चाहिए.