ध्वनि विस्तार यंत्रों के उपयोग के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी

शेयर करें...

राजनांदगांव। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी संजय अग्रवाल द्वारा नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2025 की प्रक्रिया पूर्ण होने तक विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के बाद कानून व्यवस्था एवं चुनाव संबंधी आचार संहिता का पालन समुचित तरीके से करने हेतु छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा-5 एवं ध्वनि प्रदूषण (नियंत्रण एवं नियमन) नियम 2000 के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक शर्तों के अधीन राजनांदगांव जिले में ध्वनि विस्तारक यंत्रों को चलाया या चलवाया जाना पर प्रतिबंधित किया गया है। आदेश में कहा गया है कि निर्वाचन अवधि में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग को पूर्ण रूप से रोका नहीं जा सकता है, क्योंकि ध्वनि विस्तारक यंत्र, निर्वाचन प्रचार एवं जनसमूह के बीच अपने विचार व्यक्त करने के साधनों में से एक साधन है, लेकिन उसके साथ-साथ विषम समय में, विषम स्थान पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों के अविवेकपूर्ण ऊंचे स्वरों पर अवैधानिक प्रयोग, जिससे जनमानस की शांति एवं स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता हो, की अनुमति दिया जाना उचित नहीं है।
छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2025 की घोषणा के साथ ही आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो चुकी है। चूंकि निर्वाचन के दौरान सभी अभ्यर्थी, राजनीतिक दल, उनके कार्यकर्ता तथा उनसे सहानुभूति रखने वाले व्यक्ति प्रचार-प्रसार के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग करते हैं। इन ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग न केवल स्थायी रूप से होता है, वरन विभिन्न वाहनों यथा जीप, कार, ट्रक, टेम्पो, तिपहिया स्कूटर, सायकल, रिक्शा आदि पर घूम-घूम कर या स्थिर रखकर भी होता है। ये वाहन सभी गलियों, सड़कों एवं उप गलियों पर चलते हैं तथा गांवों, बस्तियों, मोहल्लों एवं कालोनियों से बहुत ऊंची आवाज में लाउड स्पीकरों से प्रसारण करते हुए जाते हैं। लाउडस्पीकरों का ऊंची आवाज में प्रयोग करने से विद्यार्थी वर्ग का अध्ययन बाधित होता है। लाउड स्पीकरों पर अबाध रूप से किये जाने वाले शोरगुल से वृद्ध, दुर्बल, बीमार व्यक्ति को, चाहे वह किसी चिकित्सालय संस्थान में हो या घर में हो, बहुत परेशानी होती है।
ध्वनि विस्तार यंत्रों के उपयोग के संबंध में जारी आदेश अनुसार ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग किया जाना अथवा करवाया जाना पूर्ण रूप से निषिद्ध होगा। ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग, चुनाव प्रचार करने के लिए वाहनों पर एवं चुनावी सभाओं में सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही सक्षम अधिकारी की अनुमति पश्चात् किया जा सकेगा, किन्तु ऐसे ध्वनि विस्तारक यंत्र साधारण किस्म के होंगे एवं छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 एवं ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 के अनुसार अनुज्ञेय सीमा में ही प्रयोग किए जायेंगे। लोक परिशांति को देखते हुए लम्बे चोंगे वाले लाउड स्पीकरों का प्रयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाता है। वाहनों एवं चुनावी सभाओं में एक से अधिक लाउड स्पीकर समूहों में लगाया जाना भी प्रतिबंधित किया जाता है। नगरीय निकाय क्षेत्रों में चुनावी सभाओं एवं चुनाव प्रचार करने के लिए वाहनों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग हेतु अनुमति के लिए नगर पालिक निगम राजनांदगांव क्षेत्र हेतु अनुविभागीय दण्डाधिकारी राजनांदगांव, नगर पालिका परिषद क्षेत्र डोंगरगढ़ हेतु अनुविभागीय दण्डाधिकारी डोंगरगढ एवं नगर पंचायत डोंगरगांव हेतु अनुविभागीय दण्डाधिकारी डोंगरगांव, नगर पंचायत छुरिया हेतु तहसीलदार छुरिया तथा नगर पंचायत लालबहादुर नगर हेतु तहसीलदार लालबहादुर नगर को सक्षम प्राधिकारी घोषित किया गया है। इसी प्रकार पंचायत निकाय आम निर्वाचन-2025 हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में चुनावी सभाओं एवं चुनाव प्रचार करने के लिए वाहनों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग हेतु अनुमति के लिये तहसीलदारों को उनके तहसील क्षेत्र के लिए सक्षम अधिकारी घोषित किया जाता है। ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग से पूर्व सक्षम प्राधिकारी से लिखित पूर्वानुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा। साथ ही मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन न हो यह भी अनुमति प्राप्तकर्ता सुनिश्चित करेंगे। वाहन से प्रचार करते समय अनुमति के साथ वाहन का पंजीयन रखना अनिवार्य होगा तथा बिना अनुमति लाउड स्पीकर व ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग या अनुमति में निर्दिष्ट अवधि व्यतीत हो जाने के पश्चात् स्पीकर व ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग करते पाए जाने की दशा में ध्वनि विस्तारक यंत्र एवं वाहन जब्त कर लिया जाएगा तथा दोषी के विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग सक्षम अधिकारी की अनुमति प्राप्त कर सामान्यतः किया जा सकता है, परन्तु शैक्षणिक संस्थाओं, चिकित्सालय, नर्सिंग होम, शासकीय कार्यालय, छात्रावास एवं किसी अन्य स्थानीय निकाय कार्यालय, बैंक, पोस्ट ऑफिस, दूरभाष केन्द्र आदि से 200 मीटर की दूरी के भीतर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग सामान्य स्थिति में पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है। आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों, राजनीतिक दलों के विरूद्ध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम तथा छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 तथा अन्य सुसंगत विधि अनुसार दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह प्रतिबंध निर्वाचन प्रक्रिया की समाप्ति तिथि तक सम्पूर्ण राजनांदगांव जिले के ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में (नगर पंचायत घुमका को छोड़कर) प्रभावशील रहेगा तथा तत्काल प्रभाव से प्रभावशील होगा।

(यह खबर टीम नेशन अलर्ट द्वारा संपादित नहीं की गई है. जैसी मिली वैसी प्रकाशित हुई है. अत: नेशन अलर्ट किसी भी तरह की गल्ती के लिए जिम्मेदार नहीं है.)