सुसाईड केस : लामबंद हो रहा साहू समाज

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नेशन अलर्ट/विक्रम बाजपेयी
राजनांदगांव।
एक आत्महत्या का प्रकरण ऐसा हुआ जो कि अब सामाजिक रुप लिए जा रहा है। दरअसल, पवन साहू के आत्महत्या प्रकरण में साहू समाज लामबंद हो रहा है। उसका कहना है कि लड़की पक्ष वालों के साथ ही पुलिस के अनैतिक दबाव के चलते पवन ने आत्महत्या की है। इसे लेकर साहू समाज बैठक करने जा रहा है। यदि मुद्दा गहराता है तो आने वाले दिनों में लड़की पक्ष के साथ ही पुलिस भी साहू समाज के निशाने पर हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि तकरीबन 11 पन्नों का सुसाईड लेटर लिखकर पवन साहू ने आत्महत्या कर ली थी। पवन पिता गैंदलाल साहू के प्रकरण में परिवार के लोग कई तरह के आरोप लगा रहे हैं। मामला दिनों-दिन गहराते जा रहा है। अब साहू समाज बैठक करने की तैयारी में है। पवन के परिजनों ने जिला अध्यक्ष हुमन साहू से मुलाकात की है। हुमन से मिलने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि तहसील साहू संघ राजनांदगांव व मुड़पार मंडल के संयुक्त तत्वाधान में गुरुवार सुबह 10 बजे बैठक होगी। बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी।
क्या है मामला?
मामला दरअसल प्रेम प्रसंग से जुड़ा हुआ है। बताया जाता है कि पवन का प्रेम प्रसंग किन्हीं पायल जैन नाम की लड़की से था। 18 जून को पायल अपने घर से लापता हो गई थी। 29 जून को दोनों ने आर्यसमाज में शादी कर ली थी। 10 जुलाई को गांव लौटते समय सिंघोला के पास लड़की के परिजनों ने दोनों को पकड़ लिया। बताया तो यह भी जाता है कि 31 अगस्त को धारा 151 के तहत पवन को पुलिस ने जेल भेज दिया था। 09 सितंबर को 11 पन्नों को सुसाईड लेटर लिखकर पवन ने आत्महत्या कर ली।
तब से तरह तरह की चर्चा जारी है। मृतक के बड़े भाई वेदप्रकाश बताते हैं कि उन पर लड़की के परिवार वालों सहित पुलिस का भी दबाव था। आत्महत्या पूर्व लिखे गए पत्र में पवन ने भी इस ओर इशारा किया है यह भी बताया जाता है। उसने 6 बार पेशी में बुलाए जाने के साथ ही जेल जाने व नाना द्वारा मुखबिरी करने जैसी बातों को लिखा है। नाना पर यह भी आरोप है कि उसने एक लाख रुपए लेकर लड़की पक्ष वालों के लिए मुखबिरी की थी। ऐसा उल्लेख पत्र में है यह भी पता चला है।
क्या कहता है दूसरा पक्ष
लड़की के पिता धर्मेंद्र जैन बताते हैं कि उनकी सुपुत्री ने अनजाने में कदम उठा लिया था। वह अपनी सुपुत्री को डेढ़ महिने से अपने घर में रहने की बात करते हुए यह भी कहते हैं कि इन दिनों वह बच्चों को ट्यूशन पढ़ा रही है। धर्मेंद्र के बताए मुताबिक दरअसल, शादी वाली दिनांक को पवन की उम्र शादी के लायक कानूनी रुप से सहीं नहीं थी। इस बात का आधार पूछे जाने पर वह बताते हैं कि उन्होंने पवन की 10वीं की अंकसूची निकलवाई। उनके बताए मुताबिक शादी दिनांक को लड़के की उम्र 20 साल 10 माह 16 दिन थी। जबकि शादी के लिए लड़का 21 साल का होना चाहिए इसी आधार पर उन्होंने कोर्ट में केस दायर किया था और उनके मुताबिक विवाह को अमान्य करार दिया गया था।
वर्सन
सुरगी चौकी के प्रभारी विनोद परतेती कहते हैं कि मामला अभी जांच में है जो कि अब तक शुरु नहीं हो पाई है। वह परिजनों पर दबाव डालने की बात से भी इंकार करते हुए बताते हैं कि उनके द्वारा पेशी के लिए सिर्फ एक मर्तबा पवन को बुलाया गया था। इससे आगे की बात वह नहीं जानते

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