अगस्ता हेलीकॉप्टर घोटाला : फिर मुश्किलों में अभिषेक
रायपुर।
देश के सुप्रीम कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दायर की गई है जिससे प्रदेश के मुख्यमंत्री के सुपुत्र व राजनांदगांव से सांसद अभिषेक सिंह पुन: मुश्किलों से घिर गए हैं। पुनर्विचार याचिका नितिन सिन्हा ने दायर की है।
उल्लेखनीय है कि पहले अगस्ता हेलीकॉप्टर घोटाले में सांसद अभिषेक सिंह के शामिल होने को लेकर
प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव के साथ नितिन सिन्हा ने एक याचिका लगाई थी। यह याचिका सुप्रीम कोर्ट ने सबूत नहीं होने के आधार पर खारिज कर दी थी।
क्या अभिषेक ही हैं अभिषाक
अब पुनर्विचार याचिका दायर कर सिन्हा ने बतौर सबूत शैलेट एस्टेट्स प्राईवेट लिमिटेड के वो दस्तावेज दिए हैं जिसमें बतौर डायरेक्टर अभिषाक सिंह है। दस्तावेजों में वही हस्ताक्षर किए गए हैं जो कि अभिषेक सिंह ने संसदीय चुनाव के समय नामांकन में किए थे। अभिषेक सिंह ने यह स्वीकार भी किया है कि वही अभिषाक सिंह हैं। कंपनी की डायरेक्टर सोनल ठाकुर बताई जाती हैं जो कि मुख्यमंत्री की सगी बहन ईला कलचुरी की सुपुत्री हैं।
पुनर्विचार याचिका में यह कहा गया है कि वर्जिन आईलैंड में क्वेस्ट हाईट्स के नाम से जो निवेश किया गया है उसके डायरेक्टर अभिषाक सिंह थे। यह खाता भी तब खुला था जब हेलीकॉप्टर खरीदा गया था। तब से लेकर अब तक अभिषेक सिंह इस बात से इंकार करते रहे थे कि अभिषाक सिंह कौन है वह नहीं जानते।
क्यूं कुख्यात है ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड?
ज्ञात हो कि ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड काला धन जमा करने के नाम पर कुख्यात है। इसी में क्वेस्ट हाईट्स लिमिटेड नाम की कंपनी खोलकर निवेश किया गया था। इसके डायरेक्टर्स के नाम खोजी पत्रकारों की संस्था सीजेआईजे दस्तावेजों में उजागर हुए थे। इसी में एक नाम अभिषाक सिंह का था और पता भी मुख्यमंत्री के कवर्धा स्थित घर का था।
शैलेट एस्टेट्स लिमिटेड के दस्तावेजों में अभिषाक सिंह का नाम आने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल सहित प्रदेश के कांग्रेसी नेताओं ने अभिषेक सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। सभी ने दस्तावेजों के आधार पर अभिषेक पर यह आरोप लगाया था कि अभिषेक सिंह ही अभिषाक सिंह हैं। उसी समय अभिषेक सिंह ने यह स्वीकरोक्ति की थी कि नाम की स्पेलिंग में गलती हो गई थी जिसके कारण उनका नाम अभिषाक हो गया था जिसे सुधरवाया गया है।